पिछले कुछ समय से दरगाह प्रबंधन के ख़िलाफ़ लगातार शिकायतें आ रही थीं। ये शिकायतें केवल वित्तीय अनियमितताओं तक सीमित नहीं थीं, बल्कि इसमें कर्मचारियों के शोषण, अवैध निर्माण और चढ़ावे के धन के दुरुपयोग जैसे गंभीर आरोप भी थे। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए, पिछले सप्ताह प्रबंधन के सारे प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार सीज़ करने के साथ दरगाह प्रबंधक रज़िया बेग को कारण बताओ नोटिस जारी किया था।
इसी बीच आरोपों में घिरी कलियर दरगाह प्रबंधक रजिया बेग ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने का कारण व्यक्तिगत एवं पारिवारिक बताया गया है। जिलाधिकारी ने दरगाह के समस्त वित्तीय एवं प्रशासनिक गतिविधियों की निगरानी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र शेट को सौंप दी है। जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि अपने स्तर पर वह किसी भी सक्षम राजस्व अधिकारी तथा वरिष्ठ वित्त अधिकारी की तत्काल तैनाती सुनिश्चित करें ताकि दरगाह की आय व्यय, अनुबंध वसूली एवं भुगतान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि दरगाह प्रबंधक रजिया बेग का इस्तीफा जरूर स्वीकार किया गया है, किंतु इस्तीफे का मतलब गुनाह की माफी नहीं है। गठित जांच समिति हर पहलू का बारीकी से अध्ययन करेगी। यदि किसी भी तरह की वित्तीय धोखाधड़ी अथवा पद के दुरुपयोग की पुष्टि होती है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कानूनी और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने संभाला पिरान कलियर दरगाह का प्रबंधन
हरिद्वार। उत्तराखंड में रुड़की के समीप स्थित प्रसिद्ध दरगाह पिरान कलियर शरीफ के प्रशासक का दायित्व ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (आईएएस) दीपक रामचंद्र शेट ने संभाल लिया है।












