पोखरण फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास करके भारत ने दिखाई आसमानी 'वायुशक्ति'
- करीब दो घंटे तक कई मिसाइलें और गोला-बारूद दागने से बना युद्ध जैसा माहौल
- स्वदेशी विमानों, हेलीकॉप्टरों, मिसाइलों और रक्षा प्लेटफार्मों का हुआ अद्भुत प्रदर्शन
जैसलमेर। वायु सेना ने शनिवार की शाम भारत-पाकिस्तान सीमा के नजदीक पोखरण फायरिंग रेंज (राजस्थान) में 'वायुशक्ति' अभ्यास करके अपनी युद्धक तथा प्रहार क्षमताओं का प्रदर्शन किया। लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों से करीब दो घंटे तक कई तरह की मिसाइलें और गोला-बारूद दागने से बिलकुल युद्ध जैसा माहौल बन गया। फ्रांसीसी विमान राफेल और स्वदेशी प्रचंड हेलीकॉप्टर ने पहली बार देश के भीतर किसी युद्धाभ्यास में हिस्सा लेकर अपनी हवाई ताकत दिखाई। सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणाली 'समर' का भी पहली बार इस अभ्यास में इस्तेमाल किया गया।
राष्ट्रगान के साथ शुरू हुए हाईवोल्टेज हवाई युद्धाभ्यास 'वायुशक्ति' को तीन हिस्सों डे इवेंट, डस्ट इवेंट और नाइट इवेंट में बांटा गया था। तीनों इवेंट में कुल मिलाकर 33 हवाई प्रदर्शन किए गए। डे इवेंट में सूर्यास्त से पहले 23 जबरदस्त आसमानी करतब हुए, जिसमें फ्लैग ट्रुपिंग, सुपरसोनिक रन, हवा से हवा में मिसाइल फायरिंग की गई। इस अभ्यास में सेना की बंदूकों को भी एयरलिफ्ट किया गया था। फ्रांसीसी राफेल लड़ाकू जेट और दुनिया के पहले लड़ाकू हेलीकॉप्टर स्वदेशी 'प्रचंड' ने पहली बार भारत में इस तरह के बड़े युद्धाभ्यास में हिस्सा लेकर अपनी क्षमताओं को दिखाया।
वायु सेना ने इस युद्धाभ्यास में लक्ष्य पर सटीक बमबारी करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। स्वदेशी लाइट काम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस और एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) ध्रुव से दागी गई मिसाइलों ने एयरोस्पेस में भारत की ताकत का प्रदर्शन किया। 'वायुशक्ति' अभ्यास के दूसरे सत्र यानी 'डस्ट इवेंट' में आकाशगंगा की टीम ने दो आसमानी करतब दिखाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। सूर्यास्त के बाद 'नाइट इवेंट में 08 हवाई प्रदर्शन किए गए, जिसमें सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणाली 'समर आकाश' का पहली बार इस अभ्यास में इस्तेमाल किया गया।
पोखरण फायरिंग रेंज में करीब दो घंटे तक चले युद्धाभ्यास के लिए एक से ढाई किमी. के दायरे में दुश्मन के प्रतीकात्मक रसद केंद्र, आतंकी ठिकाने, हवाई पट्टी, टैंक और तोपखाना प्रणाली, ब्रिज, ड्रोन, तेल डिपो, कमांड सेंटर बनाए गए थे। भारत के लड़ाकू विमान राफेल, सुखोई-30, जगुआर, तेजस, मिग-29 ने इन पर लगभग 40-50 टन आयुध गिराकर दुश्मन के सभी ठिकानों को सटीकता के साथ नष्ट कर दिया। लगातार बम के थमाकों और मिसाइलों की गर्जना ने लगभग युद्ध जैसा माहौल पैदा कर दिया। एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने राकेट दागकर दुश्मन के एक ठिकाने को पूरी तरह खत्म करने का प्रदर्शन किया। स्वदेशी एलसीए तेजस ने आर-73 मिसाइल से दुश्मन की राडार प्रणाली को नष्ट किया।
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों में राफेल से फ्रांसीसी मीका मिसाइल दागी। इसके अलावा दो सुखोई विमानों ने लगातार बमबारी करके दुश्मन के इलाके को धुआं-धुआं करके नेस्तनाबूत किया। इस दौरान सेना के रुद्र हेलीकॉप्टर ने दुश्मन के रिफ्यूलिंग सेंटर को पूरी तरह तबाह किया। परिवहन विमान सी-17 ने पैराशूट के जरिए अग्रिम इलाकों में तैनात भारतीय सैनिकों को रसद सामग्री पहुंचाने का प्रदर्शन किया। सुपर हरक्यूलिस सी-130जे ने छोटी हवाई पट्टी पर उतरकर अपने गरुड़ कमांडो को दुश्मन के इलाके में उतारने और मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर सुरक्षित अपने वायु क्षेत्र में लौटने का साहसी प्रदर्शन किया।
अमेरिकी चिनूक हेलीकॉप्टर ने युद्ध क्षेत्र में तोपों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाकर दुश्मन को चकमा देने का अद्भुत प्रदर्शन किया। सेना की अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोप को अमेरिकी चिनूक हेलीकॉप्टर ने नीचे लटकाने का प्रदर्शन करके अपनी परिवहन क्षमता दिखाई। इस अभ्यास में 120 से अधिक हवाई संपत्ति का प्रदर्शन हुआ, जिसमें कुल 77 लड़ाकू विमान, 41 हेलीकॉप्टर, 5 परिवहन विमान और 12 मानव रहित प्लेटफार्म थे।
वायु सेना के विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने बताया कि यह प्रति तीन वर्ष में एक बार आयोजित होने वाला त्रैवार्षिक अभ्यास है। इसका उद्देश्य पूर्ण स्पेक्ट्रम संचालन के लिए भारतीय वायुसेना की क्षमता का प्रदर्शन और विमान एवं हेलीकॉप्टर, परिवहन विमान एवं मानव रहित हवाई वाहनों की भागीदारी प्रदर्शित करना है। 'वायुशक्ति' का अंतिम संस्करण फरवरी, 2019 में आयोजित किया गया था। इसके बाद 2022 में 07 मार्च को जैसलमेर के पोखरण रेंज में होने वाला अभ्यास रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के चलते स्थगित कर दिया गया था। इसलिए यह हाईवोल्टेज युद्धाभ्यास चार साल बाद आयोजित हुआ है।