गिरिडीह। गिरिडीह जिले की गाण्डेय विधानसभा सीट प्रदेश की सबसे हॉट सीटों में से एक है। यह विधानसभा नब्बे के दशक में पांच आदिवासियों की भूख से हुई कथित मौत को लेकर सुर्खियो में रहा है, लेकिन इस बार गाण्डेय क्षेत्र गरीबी के लिए नहीं झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन की पुत्रवधु सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी विधायक कल्पना सोरेन के चुनाव समर में होने के कारण है।
वर्ष 2019 के विधान सभा चुनाव में जेएमएम के डॉ सरफराज अहमद ने भारतीय जनता पार्टी के प्रों जेपी वर्मा को पराजित किया था। लेकिन झारखण्ड में बदलती राजनैतिक परिस्थियों के कारण दिसम्बर में डॉ अहमद ने विस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और अब वे राज्य सभा के सांसद है। डॉ अहमद के इस्तीफे के बाद रिक्त हुई गाण्डेय सीट पर जेएमएम की शीर्ष नेत्री सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन को पार्टी आलाकमान ने संसदीय चुनाव के साथ हुए उप चुनाव में प्रत्याशी बनाया। वह पति हेमंत के जेल में रहते हुए सक्रिय राजनीति में आयीं कल्पना सोरेन ने अपने पहले चुनाव में भाजपा के दिलीप वर्मा को करीब 26 हजार वोटो के अंतर से पराजित कर विधायक बनीं। विजयी कल्पना सोरेन को 109827 वोट मिले और भाजपा के दिलीप वर्मा को 82678 वोट प्राप्त हुए।
इस बार विधायक कल्पना सोरेन का मुकाबला भाजपा की प्रत्याशी गिरिडीह जिला परिषद की अध्यक्ष मुनिया देवी से है। इस सीट पर फारवर्ड ब्लॉक के प्रत्याशी राज़ेश यादव समेत अन्य 14 दलिय व निर्दलीय मैदान में हैं। इनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
आगामी 20 नवम्बर को होने वाले गाण्डेय विस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या तीन लाख 12 हजार से अधिक है। जिसमें एक लाख 62 हजार पुरुष और एक लाख 50 हजार से अधिक महिला वोटर हैं। ढाई प्रखण्डों वाले गाण्डेय विस क्षेत्र में विकास की बात की जाय तो 1977 के बाद से जेएमएम के स्व. सालखन सोरेन छह बार, भाजपा के लक्षमण स्वर्णकार दो बार, जेपी वर्मा एक बार और डॉ सरफराज अहमद दो बार पहले कांग्रेस और 2019 में जेएएम के टिकट पर एक बार विधायक रह चुके हैं। लेकिन गली,नली, छोटे-छोटे पुल पुलिया छोड़ दिया जाय तो करीब 40 वर्षों में कोई उल्लेखनीय विकास नहीं हुआ है।