BREAKING NEWS

logo

हस्तकला और हैंडलूम उत्पादों की 25 करोड़ रुपए से अधिक की रिकॉर्ड बिक्री


गांधीनगर, । राज्य सरकार के उद्यम गुजरात राज्य हथकरघा व हस्तकला विकास निगम (जीएसएचएचडीसी) ने इस वर्ष बिक्री का पिछले 50 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। निगम संचालित गरवी-गुर्जरी के स्टॉल राज्य के अनेक स्थानों तथा देश के कई राज्यों में स्थित हैं। इन गरवी-गुर्जरी स्टॉल में हथकरघा-हस्तकला उत्पादों की बिक्री की जाती है। वर्ष 2023-24 के दौरान पिछले 50 वर्ष के इतिहास में सर्वाधिक 25 करोड़ रुपए से अधिक के उत्पादों की बिक्री की उपलब्धि हासिल की गई। यह बिक्री गत वर्ष की तुलना में दुगुनी है।


गुजरात में राज्य सरकार के व्यापक प्रयासों के चलते राज्य की विविधतापूर्ण कला-कारीगरी को बहुत ही प्रोत्साहन मिल रहा है। राज्य में ग्रामीण स्तरीय परंपरागत कला-कारीगरी के व्यवसाय तेजी से प्रगति कर रहे हैं। इस बात का प्रमाण राज्य सरकार के उद्यम गुजरात राज्य हथकरघा व हस्तकला विकास निगम (जीएसएचएचडीसी) द्वारा संचालित गरवी-गुर्जरी द्वारा सृजित बिक्री के रिकॉर्ड से मिलता है।


उल्लेखनीय है कि राज्य में हस्तकला व हथकरघा की विशिष्ट पहचान स्थापित करने, उसका अस्तित्व बनाए रखने तथा उसके विकास के मुख्य उद्देश्य के साथ गुजरात सरकार के उद्यम के रूप में पिछले 50 वर्ष से यह निगम कार्यरत है। इस निगम द्वारा गुजरात की भव्य एवं विविधतापूर्ण हथकरघा-हस्तकला की पारिवारिक विरासत को जीवित रखने वाली हथकरघा-हस्तकला की श्रेष्ठ कृतियों का सृजन करने वाले राज्य के सुदूरवर्ती गाँवों में बसने वाले कारीगरों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री में वृद्धि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।
निगम के प्रबंध निदेशक (एमडी) ललित नारायण सिंह सांदु ने कहा कि इस महत्वपूर्ण सफलता के पीछे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुजरात में आयोजित जी-20 बैठकों और उसके बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में आयोजित वाइब्रेंट समिट का उल्लेखनीय योगदान रहा है। इस दौरान देश-विदेश के अनेक अतिथि गुजरात आए और उन्होंने बड़ी संख्या में गरवी-गुर्जरी स्टॉल्स पर जाकर ग्रामीण कला-कारीगरी के उत्पादों की खरीदारी की।


निगम से जुड़े लगभग 7200 कारीगरों से 19.21 करोड़ रुपए के उत्पादों की खरीदारी कर निगम के राज्य एवं राज्य से बाहर स्थित बिक्री केन्द्रों से 13 करोड़ रुपए के उत्पाद बेचे गए। साथ ही बाजार सहायता के लिए राज्य एवं राज्य के बाहर के विभिन्न स्थलों पर मेले-प्रदर्शनियों का हर महीने प्रभावी आयोजन कर 12 करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री की गई।

Subscribe Now