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राजस्थान में कहीं आंधी-बारिश तो कहीं लू और भीषण गर्मी का कहर


जयपुर। राजस्थान में इन दिनों मौसम के अलग-अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में तेज हवा के साथ आंधी और बारिश हो रही है, तो वहीं कुछ इलाकों में लू और भीषण गर्मी ने लोगों को बेहाल कर रखा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी मौसम में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना जताई है।
राजस्थान के डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा जिलों में तेज आंधी और बारिश की संभावना जताई गई है। इन जिलों में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। मौसम बिगड़ने के कारण लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। उदयपुर में भी सोमवार दोपहर बाद मौसम ने अचानक करवट ली और तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। तेज हवा के कारण गुलाब बाग रोड पर एक पेड़ गिर गया, जिससे कुछ वाहन उसकी चपेट में आ गए। फतहसागर झील में एक नाव पलट गई जिसमें करीब 35 लोग सवार थे, लेकिन सभी ने लाइफ जैकेट पहनी होने के कारण वे सुरक्षित रहे। प्रदेश के सवाई माधोपुर और टोंक जिलों में लू को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां तापमान सामान्य से अधिक मापा जा रहा है और गर्म हवा लोगों को दिनभर परेशान कर रही हैं। वहीं झुंझुनूं और श्रीगंगानगर में मौसम विभाग ने भीषण गर्मी को देखते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

बीकानेर संभाग में अगले चार दिनों तक तेज गर्मी का ऑरेंज अलर्ट लागू रहेगा। राज्य के कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। बीकानेर में 45.1 डिग्री, चूरू में 46.0 डिग्री और श्रीगंगानगर में 45.0 डिग्री सेल्सियस अधिकतम तापमान मापा गया। वहीं जयपुर, बाड़मेर, दौसा और जैसलमेर जैसे शहरों में भी तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया। गर्मी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान के 10 शहरों में न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक मापा गया, यानी सुबह पांच बजे भी मौसम गर्म बना रहा।

चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में साेमवार शाम को अचानक मौसम बदला और तेज हवा के साथ बारिश हुई। चित्तौड़गढ़ में लगभग 10 मिनट तक हुई बारिश से दिनभर की उमस और गर्मी से लोगों को राहत मिली। भीलवाड़ा में भी गर्मी के बाद शाम की बारिश ने लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। भीलवाड़ा के दूधाधारी गोपाल मंदिर में ठाकुरजी को गर्मी से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। पुजारी कल्याण शर्मा ने बताया कि मंदिर में खस के टाटिये लगाए गए हैं और ठाकुरजी को मलमल की पोशाक पहनाई गई है। पूरे महीने शीतल सेवा की जाएगी।

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