राजस्थान हाइकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिका पर बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद पुरोहित और अधिवक्ता अनिल भंडारी ने कहा कि राज्य सिविल सेवा अपीलेट अधिकरण में जोधपुर स्थाई पीठ के न्यायिक सदस्य की नियुक्ति होने पर जोधपुर क्षेत्राधिकार के सभी लंबित मामले अविलंब जोधपुर हस्तांतरित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि जोधपुर में चल रही एनजीटी को बेवजह कई साल पहले बंद कर दिया गया है और यहां के नागरिकों को अब भोपाल जाना पड़ता है। दो दशक पूर्व भारत सरकार ने जोधपुर में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग की चल पीठ की अधिसूचना जारी की,लेकिन इसका क्रियान्वन नहीं हो पाया। अधिवक्ता पुरोहित और भंडारी ने कहा कि जोधपुर में ऋण वसूली अधिकरण और अपीलेट अधिकरण तथा रियल एस्टेट रेग्युलेटरी ऑथोरिटी (रेरा) की पीठ की नितांत आवश्यकता है।
भारत सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भरत व्यास ने कहा कि वे न्यायालय की भावना को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सरकार के अधिसूचित अधिकरण ,अपीलेट अधिकरण और बोर्ड की चल पीठ जोधपुर में गठित करने के सार्थक प्रयास और क्रियान्वन बाबत अतिरिक्त शपथ पत्र पेश करेंगे। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता महावीर बिश्नोई, हाईकोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ सचिन आचार्य और अजमेर रेवेन्यू बार की ओर से एम एम रंजन ने वीसी से पैरवी की।
राजस्थान हाईकोर्ट : केंद्र सरकार से अपेक्षा, एनजीटी फिर से शुरू करें
जोधपुर। राजस्थान हाइकोर्ट की खंडपीठ के वरिष्ठ न्यायाधीश विनीत माथुर और न्यायाधीश आनंद शर्मा ने राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जोधपुर में होने से केंद्रीय सरकार से पूर्ण अपेक्षा जताई है कि जोधपुर में कई साल पूर्व शुरू होकर बंद कर दी गई राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी ) जल्द ही पुन: शुरू करने की व्यवस्था करें तथा केंद्रीय सरकार के अन्य अधिकरण, अपीलेट अधिकरण और बोर्ड आदि की चल पीठ जोधपुर में प्रारंभ करने वास्ते अतिरिक्त शपथ पत्र पेश करें। उन्होंने राज्य सिविल सेवा अधिकरण की जोधपुर के क्षेत्राधिकार की सभी लंबित पत्रावलियों को स्थाई पीठ जोधपुर में हस्तांतरित करने के आदेश दिए और आगामी पेशी 27 जनवरी तय की।












