जयपुर/चौमूं,। जम्मू-कश्मीर में हुई आतंकी घटना में मारे गए चार लोगों
के शव मंगलवार को जयपुर पहुंचते ही लोगों में भारी आक्रोश दिखाई दिया।
लोगों ने आतंकवाद , पाकिस्तान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मौके पर पुलिस व
प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे और भारी पुलिस जाब्ता तैनात किया गया है।
मुरलीपुरा और चौमूं थाने के बाहर हजारों लोगों ने नारेबाजी की। मृतक
आश्रितों को सरकारी नौकरी और एक-एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग को लेकर बड़ी
संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए हैं। इसके अलावा प्रदर्शनकारियों
ने बाजारों को बंद करा दिया। चारों शवों का गमगीन माहौल में गांव में अंतिम
संस्कार हुआ।
नौ जून को जम्मू-कश्मीर में श्रद्धालुओं से भरी बस
पर आतंकियों ने हमला कर दिया था। गोली ड्राइवर को लगी और बस खाई में गिर
गई। हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी और 33 लोग घायल हुए थे। मरने वालों
में चार लोग चौमूं स्थित पांच्यावाली ढाणी और मुरलीपुरा (हरमाड़ा) के थे।
आतंकी हमले में चौमूं निवासी राजेंद्र सैनी, उनकी पत्नी ममता सैनी की मौत
हो गई। इसके साथ ही हरमाड़ा निवासी पवन सैनी की पत्नी पूजा सैनी व उनके दो
साल के बेटे लिवांश की मौत हुई। पवन इस आतंकी घटना में घायल हुए है।
भाजपा नेता को धक्का मारकर हटाया
प्रदर्शनकारियों
ने धरना में शामिल होने पहुंचे भारतीय जनता पार्टी नेता भूपेंद्र सैनी को
धक्का मारकर वहां से हटाया। इससे पहले मंगलवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे
जम्मू-कश्मीर में मारे गए चौमूं (जयपुर) के परिवार के चारों शवों को पूजा
एक्सप्रेस से जयपुर लाया गया। यहां से शवों को कार से भिजवाया गया। इसके
साथ ही चौमूं थाने की सुरक्षा बढ़ा दी गई और छह थानों की फोर्स बुलाई गई है।
इसके अलावा पुलिस लाइन से भी बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया गया है।
चौमूं
के पांच्यावाली ढाणी से मंगलवार को हजारों की संख्या में लोगों ने रैली
निकाली। इस रैली में लोगों में आतंकवाद को लेकर आक्रोश जाहिर किया। यह रैली
चौंमू पहुंची। यहां पर भारी संख्या लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।
कलेक्टर सहित सभी की आंखें हुई नम
मंगलवार
सुबह ट्रेन से चारों मृतकों के शव जयपुर जंक्शन पर पहुंचे। इस दौरान
कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित, एडीएम दक्षिण शैफाली कुशवाहा व अन्य प्रशासनिक
अधिकारी मौके पर मौजूद थे। सुबह आठ बजे से ही अधिकारी जंक्शन पर मौजूद थे।
पूजा एक्सप्रेस करीब साढ़े नौ बजे जंक्शन पर पहुंची। इस दौरान पूरा माहौल
गमगीन हो गया। जब रेस्क्यू करने वाली टीम के कर्मचारी शवों को उतारने के
लिए ट्रेन में चढ़े तो मृत बच्चे व अन्य शवों को देखकर उनके हाथ भी कांप
उठे। लेकिन फिर मृतक बच्चे व अन्य शवों को उठाया और गाड़ियों में रखा। इस
दौरान कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित के साथ पुलिस अधिकारियों की आंखें भी नम हो
गई। रेलवे स्टेशन पर इस दौरान भारी भीड़ लग गई। हर किसी के चेहरे पर
आतंकियों को लेकर गुस्सा साफ दिख रहा था। अधिकारी हो चाहे कर्मचारी या कोई
ओर, सबका यही कहना था कि आखिर इस बच्चे व इन लोगों ने किसी का क्या बिगाड़ा
था। जो इन्हें इतनी बेरहमी से मारा गया।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा लगातार कर रहे मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री
भजनलाल शर्मा लगातार घटनाक्रम की मॉनिटरिंग कर रहे है। सीएमओ की ओर से
जम्मू कश्मीर व गृह मंत्रालय से इस संबंध में संवाद किया गया था। जिसके बाद
सभी शवों को जम्मू कश्मीर प्रशासन की ओर से ट्रेन में रखकर रवाना किया
गया। वहीं मुख्यमंत्री अब भी लगातार इस मामले पर नजर रखे हुए है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह आतंकी हमला कायराना हरकत है। उन्होंने इस
दर्दनाक घटना पर संवेदना जताई है।