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राजस्थान हाईकोर्ट : कॉलेज शिक्षा विभाग में कार्यरत कार्मिकों को राहत


जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने कॉलेज शिक्षा विभाग में कार्यरत कार्मिकों को राहत प्रदान करते हुए नियमों में लाभ प्रदान करने और सेवा से पृथक नहीं किए जाने के आदेश पारित किए है। न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की अदालत ने यह आदेश पारित किए।

राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए याचिककर्ता एकता राजपुरोहित व अन्य याचिकाकर्ताओं को बड़ी राहत दी है। न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर ने अपने द्वारा पूर्व में दिए ज्वाला प्रसाद कलाशीया के मामले में आदेश 21 मई 2025 में साफ निर्देश दिए हैं कि राजस्थान कॉलेज एजुकेशन सोसायटी (राज.सीईएस ) के अंतर्गत आने वाले कॉलेजों में कार्यरत याचिकाकर्ताओं को 2023 के नियमों के तहत लाभ मिलेंगे और नए सिरे से प्रक्रिया पूरी होने तक उन्हें सेवा से पृथक नहीं किया जाएगा।

कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा 27 जून 2025 के आदेश और 29 जून 2025 की अधिसूचना के आधार पर विद्या सम्बल योजना के अंतर्गत निकाले गए विज्ञापनों पर स्थगन आदेश पारित किया है और स्पष्ट किया है कि याचिकाकर्ताओं के पदों पर आगे कोई कार्रवाई नहीं होगी। इस आदेश से राज्य के कई कॉलेजों में कार्यरत कार्मिकों को अस्थायी तौर पर बड़ी राहत मिली है। आदेश पर याचिकाकर्ताओं की ओर से डॉ. निखिल डूंगावत व अधिवक्ता निहार जैन ने पक्ष रखा, वहीं राज्य सरकार की ओर से डॉ. प्रवीण खंडेलवाल (एएजी) उपस्थित हुए।

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