डूंगरपुर। जिले में रेलवे सुरक्षा बल, चाइल्ड लाइन और सृष्टि सेवा संस्थान की संयुक्त कार्रवाई के दौरान डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से 22 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया। इस कार्रवाई में तीन दलालों को हिरासत में लिया गया, जो जिले के विभिन्न गांवों से बच्चों को कैटरिंग कार्य के लिए गुजरात ले जा रहे थे। दलाल बच्चों को चित्तौड़गढ़ से असारवा (गुजरात) जाने वाली ट्रेन में बैठाकर ले जाने की योजना बना रहे थे।
चाइल्ड लाइन के समन्वयक मेहुल ने बताया कि आरपीएफ से सूचना मिली कि रेलवे स्टेशन पर कुछ बच्चे आने वाले हैं और उन्हें बाल श्रम के लिए ले जाने की आशंका है। सूचना के बाद चाइल्ड लाइन, सृष्टि सेवा संस्थान, आरपीएफ और जीआरपी की टीम तुरंत स्टेशन पर पहुंची।
टीम के पहुंचने पर बच्चों को ले जा रहे दलाल भागने लगे। उन्हें पकड़ा गया और पूछताछ में दलालों ने बच्चों को न जानने का दावा किया। हालांकि, बच्चों से पूछताछ करने पर उन्होंने पूरे मामले का खुलासा किया और बताया कि उन्हें पिकनिक के बहाने गुमराह किया गया।
स्टेशन से कुल 27 बच्चों का रेस्क्यू किया गया, जिनमें से 22 नाबालिग थे जिनकी उम्र 11 से 18 साल के बीच थी, जबकि 5 बच्चे बालिग पाए गए। दलाल जयचंद, आशीष और संजय ने स्वीकार किया कि वे बच्चों को डूंगरपुर जिले के झोथरी, बेडसा, सीमलवाड़ा और मेवाड़ा गांवों से गुजरात कैटरिंग कार्य के लिए ले जा रहे थे।
मुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को बाल संप्रेषण गृह भेजने के लिए सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया। दलालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के भी निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसे बाल श्रम कृत्यों पर रोक लगाई जा सके।
डूंगरपुर रेलवे स्टेशन से 22 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया, तीन दलाल हिरासत में












