खूंटी । भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव को लेकर पूरे खूंटी जिले
में हर्ष का माहौल है। क्या शहर और क्या गांव, हर ओर श्रीराम, वीर हनुमान
के ध्वज लहरा रहे हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा
के बाद इस क्षेत्र में रामनवमी को लेकर जबरदस्त तैयारी की जा रही है।
विभिन्न रामनवमी समितियां और अखाड़ाधारी राम जन्मोत्सव को भव्यतम बनाने के
लिए लगातार प्रयास में लगे हैं। कहीं, श्रीराम, माता सीता, भाई लक्ष्मण और
भक्त हनुमान की झाकियां निकालने की तैयारी हो रही है, तो कही अस्त्र-शस्त्र
चालन और शोभायात्रा को सफल बनाने में रामभक्त लग गये हैं। रामनवमी को लेकर
मंदिरों को भी आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है।
86 पहले खूंटी में हुई थी रामनवमी की शुरूआत
जिले में रामनवमी महोत्सव का इतिहास 86 वर्ष पुरानी है। रामनवमी की पहली
शोभायात्रा 1939 में निकाली गई थी। खूंटी के वरिष्ठ अधिवक्ता भोलानंद
तिवारी बताते हैं कि 1938 में स्थानीय लोगों ने रामनवमी जुलूस निकालने का
निर्णय लिया,किन त्तकालीन अंग्रेज एसडीओ वेबस्टल रामनवमी जुलूस के लिए
लाइसेंस देने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन खूंटी में रामवनमी की शुरूआत
करनेवाले घसिया सवा, उर्फ रामकिस्टो साव, रामटहल भगत, नारायण चौधरी, आदि के
प्रयास से तत्कालीन उपायुक्त ने जुलूस की अनुमति दे दी। पहली बार दो झंडों
के साथ खूंटी में 1939 में राम नवमी का पहला जुलूस निकला था। दिवंगत
अधिवक्ता शिव अवतार चौधरी, नंदकिशोर भगत, डॉ देवेंद्र साहू, कस्तूरी लाल,
सोहर साहू, गिरिधारी राम, गुलाब राम, सुरेंद्र कुमार मिश्रा के अलावा
भोलानंद तिवारी, जितेंद्र कश्यप आदि पे खूंटी की रामनवमी को भव्यता प्रदान
करने में महत्वूपर्ण भूमिका निभाई थी।
86 साल पहले शुरू हुई
रामनवमी की शोभायात्रा में इस समय 108 लाइसेंसी झंडे शामिल होते हैं।
भोलनंद तिवारी, ज्येतिष भगत, जितेंद्र कश्यप आदि ने बताया कि रांची में
1937 में रामनवमी के जुलूस की शुरूआत हुई थी। उसी से प्रभावित होकर घसिया
साव ने खूंटी में रामनवमी की नींव रखी। खूंटी में अस्त्र-शस्त्र चालन
प्रतियोगिता की शुरूआत 1950 में जिला मुख्यालय के आश्रम मैदान में हुई थी।
इसका उद्घाटन तत्कालीन राजयपाल एमएस अन्ने ने किया था।
इस वर्ष भी निकलेगी भव्य शोभायात्रा
इस
वर्ष भी खूंटी में 17 अप्रैल को रामनवमी की भव्य शोभायात्रा निकाली
जायेगी। शोभायात्रा परंपरागत मार्ग डाक बंगला रोड,नेताजी चौक, मेन रोड, भगत
सिंह चौक, कर्रा रोड, चौधरी मुहल्ला, बड़ी मस्जिद लेन, बड़ाईक टोली, वरपींडा
से लियाकत लेन, डहुगुटू होते हुए थाना परिसर और उसके बाद आश्रम मैदान
जायेगा, जहां सभी झंडों को स्थापित किया जायेगा। 18 अप्रैल को दशमी मेला और
अस्त्र यास्त्र चालन प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा।