भोपाल,
11 फरवरी । उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान
महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी शिव नवरात्रि का उत्सव
धूमधाम से मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत 29 फरवरी होगी। आठ मार्च को
महाशिवरात्रि तक चलने वाले इस महोत्सव के दौरान भगवान महाकाल नौ दिनों तक
भक्तों को अलग-अलग रूपों में दर्शन देंगे। यानी शिवनवरात्रि के नौ दिन तक
भगवान का नौ रूपों में आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। शिवनवरात्रि में भोग
आरती व संध्या पूजन का समय भी बदलेगा।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध
समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने रविवार को बताया कि महाकालेश्वर
मंदिर में महाशिवरात्रि पर फाल्गुन कृष्ण पंचमी से त्रयोदशी तक शिव
नवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। इस बार 29 फरवरी को शिव पंचमी के पूजन के
साथ शिव नवरात्रि की शुरुआत होगी। सुबह आठ बजे पुजारी कोटितीर्थ कुंड के
समीप स्थित श्री कोटेश्वर महाकाल को अभिषेक-पूजन कर हल्दी चढ़ाएंगे।
करीब
डेढ़ घंटे पूजन के उपरांत सुबह 9.30 बजे से गर्भगृह में भगवान महाकाल की
पूजा होगी। पुजारी भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक कर पूजा-अर्चना करेंगे।
इसके बाद 11 ब्राह्मणों द्वारा रुद्रपाठ किया जाएगा। पश्चात दोपहर एक बजे
भोग आरती होगी। तीन बजे संध्या पूजा के बाद नौ दिन तक भगवान का अलग-अलग
स्वरूपों में विशेष शृंगार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि
शिवनवरात्रि के दौरान भगवान महाकाल का नौ दिन तक नौ रूपों में श्रृंगार
होगा। पहले दिन भगवान महाकाल का चंदन श्रृंगार होगा। भगवान को सोला दुपट्टा
धारण कराया जाएगा। मुकुट, मुंडमाला और छत्र आदि आभूषण से श्रृंगार किया
जाएगा। दूसरे दिन शेषनाग श्रृगार, तीसरे दिन घटाटोप श्रृंगार, चौथे दिन
छबीना श्रृंगार, पांचवें दिन होलकर रूप, छठे दिन मनमहेश रूप, सातवें दिन
उमा महेश श्रृंगार, आठवां दिन शिवतांडव श्रृंगार और नौवें दिन महाशिवरात्रि
के मौके पर सप्तधान श्रृंगार किया जाएगा।
उज्जैन के महाकाल मंदिर
में प्रतिदिन सुबह 10.30 बजे भोग आरती तथा शाम पांच बजे संध्या पूजा होती
है। शिव नवरात्रि में पूजन का विशेष क्रम होने से भोग आरती दोपहर एक बजे
तथा संध्या पूजा दोपहर तीन बजे होगी। शिव नवरात्र के नौ दिन मंदिर के
पुजारी उपवास भी रखेंगे। महापर्व संपन्न होने के बाद नौ फरवरी को मंदिर
समिति पारण का आयोजन करेगी।