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आ गई वो पावन घड़ी, प्रधानमंत्री मोदी आज संयुक्त अरब अमीरात में पहला हिन्दू मंदिर विश्व को समर्पित करेंगे


अबूधाबी, 14 फरवरी। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात में है। प्रधानमंत्री मोदी आज (बुधवार) अबूधाबी में पहला हिंदू मंदिर विश्व को समर्पित करेंगे। इसके अलावा वह भारत मार्ट का शुभारंभ भी करेंगे। अपने दौरे के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी यूएई के राष्ट्रपति से मुलाकात कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यूएई और राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का इस बात के लिए धन्यवाद किया कि उन्होंने बीएपीएस मंदिर के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराई। दोनों पक्ष यह मानते हैं कि इस मंदिर का निर्माण दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूत करेगा। साथ ही वैश्विक समुदाय को भाईचारा, सहयोग और शांति का संदेश देगा।



प्रधानमंत्री मोदी आज बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। यह संयुक्त अरब अमीरात का पहला हिंदू मंदिर है। यह हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है। मंदिर के लिए जमीन संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने दान की है। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों देशों के बीच भारत-मध्य पूर्व आर्थिक कॉरिडोर (आईएमईसी) को लेकर अंतरसरकारी फ्रेमवर्क पर एक समझौता हुआ है। आईएमईसी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर का हिस्सा होगा। इसको लेकर सितंबर, 2023 में जी-20 की शिखर सम्मेलन के दौरान नई दिल्ली में भारत, यूएई, अमेरिका, फ्रांस, इटली, सऊदी अरब के प्रमुखों की उपस्थिति में समझौता हुआ था। इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र में नए सहयोग के लिए एक इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन और ट्रेड का समझौता हुआ है।



विदेश मंत्रालय के अनुसार, मोदी और शेख मोहम्मद के बीच हुई वार्ता में पेट्रोलियम संबंधों को मजबूत करने पर बात हुई। भारत जल्द ही यूएई से एलएनजी खरीद का समझौता भी करने जा रहा है। दोनों देशों के बीच अभिलेखागारों और संग्रहालयों से संरक्षण व सहयोग को लेकर भी दो अलग-अलग समझौते हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यात्रा के पहले चरण में कल अबूधाबी के जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में 'अहलान मोदी' कार्यक्रम को संबोधित किया। भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ जारी किया है।

खचाखच भरे जायद स्टेडियम में भारतीय समुदाय को दिए गए संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''आज अबूधाबी में आप लोगों ने नया इतिहास रच दिया है। आप लोग यूएई के कोने-कोने से आए हैं और भारत के भी अलग-अलग राज्यों से आए हैं, लेकिन सब के दिल जुड़े हुए हैं। इस ऐतिहासिक स्टेडियम में हर धड़कन कह रही है- भारत-यूएई दोस्ती जिंदाबाद। हर सांस कह रही है- भारत-यूएई दोस्ती जिंदाबाद! हर आवाज कह रही है-भारत-यूएई दोस्ती जिंदाबाद। बस... इस पल को जी लेना है...। जीभर कर जी लेना है। आज वो यादें बटोर लेनी हैं, जो जीवन भर आपके साथ रहने वाली हैं। जो यादें जीवन भर मेरे साथ भी रहने वाली हैं।''



उन्होंने कहा, '' मैं आज अपने परिवार के सदस्यों से मिलने आया हूं। समंदर पार जिस देश की मिट्टी में आपने जन्म लिया, मैं उस मिट्टी की खुशबू आपके लिए लेकर आया हूं। मैं संदेश लेकर आया हूं, आपके 140 करोड़ भारतीय भाई-बहनों का...। और ये संदेश है कि- भारत को आप पर गर्व है, आप देश का गौरव हैं (‘भारत इज प्राउड फॉर यू)।'' प्रधानमंत्री ने कहा, भारतम् निंगड़ै-और्त् अभिमा-निक्कुन्नु !! उंगलई पार्त् भारतम् पेरुमई पड़गिरदु !!



भारता निम्मा बग्गे हेम्मे पडु-त्तदे !! मी पइ भारतदेशम् गर्विस्तोन्दी !! उन्होंने कहा, ''एक भारत-श्रेष्ठ भारत की ये सुंदर तस्वीर, आपका ये उत्साह, आपकी ये आवाज, आज अबूधाबी के आसमान के पार जा रही है। मेरे लिए इतना स्नेह, इतना आशीर्वाद, ये अभिभूत करने वाला है। आप समय निकालकर यहां आए, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं।''



उन्होंने कहा, ''आज हमारे साथ मिनिस्टर ऑफ टॉलरेन्स और हिज एक्सीलेंसी शेख नाहयान भी मौजूद हैं। वो भारतीय समुदाय के अच्छे मित्र और शुभचिंतक हैं। भारतीय समुदाय के प्रति उनका स्नेह, सराहनीय है। आज इस शानदार आयोजन के लिए मैं अपने ब्रदर, हिज एक्सीलेंसी शेख मोहम्मद बिन ज़ायद का भी आभार व्यक्त करता हूं। गर्मजोशी भरा ये समारोह, उनके सहयोग के बिना संभव नहीं था। उनकी आत्मीयता, मेरे प्रति उनका अपनत्व, मेरी बहुत बड़ी पूंजी है...।''



प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, '' मुझे 2015 की अपनी वो पहली यात्रा याद है। तब मुझे केंद्र सरकार में आए बहुत अरसा नहीं बीता था। तीन दशक के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ये पहली यूएई यात्रा थी। डिप्लोमेसी की दुनिया भी मेरे लिए नई थी। तब एयरपोर्ट पर मेरा स्वागत करने के लिए तब के क्राउन प्रिंस और आज के प्रेसिडेंट, अपने पांच भाइयों के साथ एयरपोर्ट आए थे। वो गर्मजोशी, उन सभी की आंखों में वो चमक, मैं कभी भी भूल नहीं सकता। उस पहली मुलाकात में ही मुझे ऐसा लगा जैसे मैं किसी अपने करीबी के घर आया हूं। वो भी एक परिवार की तरह मेरा सत्कार कर रहे थे। लेकिन साथियों, वो सत्कार सिर्फ मेरा नहीं था। वो सत्कार, वो स्वागत, 140 करोड़ भारतीयों का था। वो सत्कार, यहां यूएई में रहने वाले प्रत्येक भारतीय का था।''



प्रधानमंत्री ने कहा, '' एक वो दिन था और एक आज का ये दिन है। 10 वर्षों में ये यूएई की मेरी सातवीं यात्रा है। ब्रदर शेख मोहम्मद बिन जायद आज भी मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए थे। उनकी गर्मजोशी वही थी। उनका अपनापन वही था और यही बात उन्हें बहुत खास बना देती है। मुझे खुशी है कि हमें भी चार बार भारत में उनका स्वागत करने का अवसर मिला है। कुछ दिन पहले ही वो गुजरात आए थे। तब वहां लाखों लोग उनका आभार व्यक्त करने के लिए सड़क के दोनों तरफ जमा हो गए थे। आप जानते हैं कि ये आभार किसलिए? आभार इसलिए क्योंकि वो जिस तरह यूएई में आप सभी का ध्यान रख रहे हैं, वो जिस तरह आपके हितों की चिंता करते हैं, वैसा कम ही देखने को मिलता है। इसलिए उन्हें धन्यवाद बोलने के लिए वो सारे लोग घरों से बाहर निकल आए थे।''



प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ''मैं जब भी शेख मोहम्मद बिन जायद से मिलता हूं, तो वो आप सभी भारतीयों की बहुत प्रशंसा करते हैं। वो यूएई के विकास में आपकी भूमिका की तारीफ करते हैं। इस जायद स्टेडियम से भी भारतीयों के पसीने की खुशबू आती है। मुझे खुशी है कि हमारे अमीरात के साथियों ने भारतीयों को अपने दिल में जगह दी है। अपने सुख-दुख का साझेदार बनाया है। समय के साथ ये रिश्ता दिनों-दिन और अधिक मजबूत होता जा रहा है। और इसमें भी ब्रदर शेख मोहम्मद बिन ज़ायद की बड़ी भूमिका है। आपके प्रति वो कितनी संवेदनशीलता से भरे हुए हैं, वो मुझे कोविड के दौरान भी दिखा। तब मैंने उन्हें कहा था कि हम भारतीयों को वापस लाने की व्यवस्था कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने मुझे बोला कि मैं बिल्कुल चिंता ना करूं। उन्होंने यहां भारतीयों के इलाज के लिए, वैक्सीनेशन के लिए हर तरह के इंतजाम किए। उनके यहां रहते, मुझे वाकई कोई चिंता करनी भी नहीं पड़ी। मैं आप सबके प्रति उनका ये असीम प्रेम हर पल अनुभव करता हूं। और इतना ही नहीं, जब साल 2015 में उनके सामने, आप सबकी ओर से यहां अबूधाबी में एक मंदिर का प्रस्ताव रखा, तो उन्होंने तुरंत एक पल भी गवाएं बिना हां कह दिया। उन्होंने यहां तक कह दिया- जिस जमीन पर तुम लकीर खींच लोगे, वो मैं दे दूंगा। और अब अबू धाबी में ये भव्य दिव्य मंदिर के लोकार्पण का ऐतिहासिक समय आ गया है।'' प्रधानमंत्री के पूरे संबोधन के दौरान सारा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा।

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