राजनांदगांव
/ रायपुर । आज यानि 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की
शुरुआत हो चुकी है. हिंदू धर्म में इन 9 दिनों का विशेष महत्व होता है.
नवरात्रि के ये 9 दिन मां दुर्गा को समर्पित होते हैं, जिसमें भक्तगण वृत
रखते हुए मां की पूर्जा अर्चना करते हैं और कलश स्थापना करते हैं। इसी कड़ी
में छत्तीसगढ़ की धर्म नगरी राजनांदगांव जिला के डोंगरगढ़ में हर साल की
तरह इस साल भी धूमधाम से चैत्र नवरात्रि मनाया जाएगा। जहां मां बम्लेश्वरी
मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। मंदिर में 10 हजार ज्योति कलश
प्रज्वलित किए जाएंगे। इस वर्ष की नवरात्रि में खास बात यह है कि मां
बम्लेश्वरी को सोने का मुकुट अर्पित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि
छत्तीसगढ़ में डोंगरगढ़ को धर्म नगरी कहा जाता है। क्योंकि यह माता
बम्लेश्वरी का विशाल मंदिर है। यहां प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को
मिलती है। वहीं नवरात्री में यह भीड़ पांच से छह गुना बढ़ जाती है।
नवरात्र के पर्व पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है। दर्शनार्थियों के लिए
खान-पान, झूले, कपड़े, सजावटी सामान आदि की व्यवस्था की जाती है। साथ ही
भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़ी इंतजाम किए
जाते है। मान्यता है कि, जो भक्त मां बम्लेश्वरी के दरबार पहुंचकर सच्चे मन
से मन्नत मांगते हैं तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
विदेशों से भी करवाई गई है ज्योति कलश प्रज्वलित
मंदिर
ट्रस्ट समिति के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल ने बताया कि, श्रद्धालुओं द्वारा इस
वर्ष नवरात्रि पर्व में मां बमलेश्वरी के दरबार में 8500 ज्योति कलश, छोटी
मां बमलेश्वरी के दरबार में 900 ज्योति कलश, शीतला माता के दरबार में 61
ज्योति कलश प्रज्वलित की गई है। इनमें से 10 से 11 ज्योति कलश ऑस्ट्रेलिया,
यूएसए से भी प्रज्वलित करवाई गई है। वहीं सीएम विष्णुदेव साय, मंत्री
बृजमोहन अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और अन्य अधिकारियों ने भी
मां के दरबार में ज्योति कलश प्रज्वलित करवाया है।
मंदिर का इतिहास
मां
बम्लेश्वरी शक्तिपीठ का इतिहास करीब 2200 वर्ष पुराना है। डोंगरगढ़ का
इतिहास मध्य प्रदेश के उज्जैन से जुड़ा है। इसे वैभवशाली कामाख्या नगरी के
रूप में जाना जाता था। मां बम्लेश्वरी को मध्य प्रदेश के उज्जैन के प्रतापी
राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी भी कहा जाता है। मंदिर की अधिष्ठात्री देवी
मां बगलामुखी हैं। उन्हें मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। उन्हें यहां
मां बम्लेश्वरी के रूप में पूजा जाता है। यहां आदि शक्ति मां बम्लेश्वरी को
समर्पित दो मंदिर हैं। एक 1600 फीट की ऊंचाई और दूसरा मंदिर नीचे समतल
जमीन पर स्थित है।
ऐसे पहुचें मां बम्लेश्वरी मंदिर डोंगरगढ़
राजनादगांव
से 35 और राजधानी रायपुर से यह 105 किलोमीटर दूर है। हावड़ा-मुंबई रेलमार्ग
से भी यह जुड़ा हुआ है। यहां रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता
है।
सड़क मार्ग से: डोंगरगढ़ राजनांदगांव जिला मुख्यालय से
57 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है। वहाँ जाने के लिए सबसे अच्छा साधन है
ट्रेन, बस, और फिर खुद की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था है।
ट्रेन से: अगर आप ट्रेन से यात्रा करना चाहते है तो निकटतम रेल्वे स्टेशन है डोंगरगढ़।