उज्जैन । शनिवार सुबह महाशिवरात्रि पर्व के चलते दूल्हा बने बाबा
महाकाल का सवा क्विंटल फूलों से सेहरा श्रृंगार किया गया। वहीं, बाबा की
वर्ष में एक बार होने वाली भस्मार्ती आज दोपहर में होगी।
महाशिवरात्रि
पर्व पर शुक्रवार रात्रि 11 बजे से सम्पूर्ण रात्रि 09 मार्च की प्रात: 06
बजे तक भगवान महाकालेश्वर का महाअभिषेक पूजन चला। इसके बाद शनिवार सुबह
अभिषेक उपरांत भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराये गए और सप्तधान्य का
मुखारविंद धारण करवाया गया। इसके बाद सप्तधान्य अर्पित किया गया। जिसमे
चावल, खडा मूग, तिल, मसूर, गेहू, जव, साल, खड़ा उडद सम्मिलित रहे।
महाकालेश्वर
मंदिर के पुजारियो द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर शनिवार
सुबह पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा गया। भगवान महाकालेश्वर को चंद्र मुकुट,
छत्र, त्रिपुंड व अन्य आभूषणों से श्रृंगारित किया गया | भगवान पर न्योछावर
नेग स्वरुप चांदी का सिक्का व बिल्वपत्र अर्पित की गई। महाकालेश्वर भगवान
की सेहरा आरती होने के बाद भगवान को विभिन्न मिष्ठान्न, फल, पञ्च मेवा आदि
का भोग अर्पित किये गए। प्रातः 06 बजे सेहरा आरती की गई।
उल्लेखनीय
है कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में एक ही बार भगवान महाकाल को
सवा मन का पुष्प मुकुट धारण कराया जाता है। साथ ही महाशिवरात्रि पर्व पर
लगातार भगवान शिव के दर्शन दर्शनार्थियों के लिए 44 घंटे गर्भगृह के पट
खुले रहते हैं। महाशिवरात्रि पर एक एैसा अवसर आता है जिस पर महाकाल सोते
नहीं है। इस पर्व पर भगवान महाकाल सवा मन का फूलों से सजा मुकुट धारण करते
है, जिसके दर्शन पशनिवार प्रातः 11 बजे तक होंगे।
सेहरा
दर्शन के उपरांत वर्ष में एक बार दिन में 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी|
भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा। सायं
पूजन, सायं आरती व शयन आरती के बाद भगवान महाकालेश्वर के पट मंगल होंगे।