भोपाल,
20 फरवरी । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मंगलवार को
प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के अंतर्गत जम्मू से परियोजनाओं के
डिजिटल लॉन्च कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों को 400 करोड़
रुपये की सौगात दी। प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ.
मोहन यादव भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय स्थित ज्ञान विज्ञान भवन से
कार्यक्रम में शामिल हुए। राज्यपाल डॉ. पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने
दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ.
यादव ने मध्यप्रदेश के विश्वविद्यालयों को 400 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत
करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त किया।
विवि में होंगे नवाचार, अनुसंधान और अधोसंरचना विकास के महत्वपूर्ण कार्य
मुख्यमंत्री
डॉ. यादव ने कहा कि इस राशि से विश्वविद्यालयों में नवाचार,अनुसंधान और
अधोसंरचना विकास के महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न हो सकेंगे। उन्होंने
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
द्वारा बेहतर उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए दिए गए सहयोग के लिए उन्हें
धन्यवाद देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश उनकी आशाओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा
और हम प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश के शीर्ष राज्यों में
शामिल करेंगे।
देवी अहिल्या, रानी दुर्गावती, अवधेश प्रताप सिंह, पंडित एसएन शुक्ल और महाराजा छत्रसाल बुंदेलखण्ड विवि को 20-20 करोड़ की सहायता
प्रधानमंत्री
मोदी द्वारा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) के अंतर्गत
जम्मू में आयोजित कार्यक्रम में जम्मू एम्स सहित 32 हजार करोड़ की 220 विकास
परियोजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्यास किया गया। इस अभियान से
युवाओं को औद्योगिक प्रशिक्षण मिलने के साथ-साथ नई शिक्षा नीति 2020 का
उद्देश्य भी पूरा होगा। कार्यक्रम में मल्टी डिसिपिनरी एजुकेशन एवं रिसर्च
यूनिवर्सिटीज (मेरू) घटक के अंतर्गत बरकतउल्ला, विक्रम तथा जीवाजी
विश्वविद्यालय को 100-100 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत की गई है। इसी
प्रकार ग्रान्ट टू स्ट्रेंथन यूनिवर्सिटीज (जीएसयू) घटक में देवी अहिल्या,
रानी दुर्गावती, अवधेश प्रताप सिंह, पंडित एसएन शुक्ल और महाराज छत्रसाल
बुंदेलखण्ड विश्वविद्यालय को 20-20 करोड़ रुपये की सहायता स्वीकृत की गई है।
इससे विश्वविद्यालयों में अधोसंरचना विकास के लिए प्रशासनिक भवन, अकादमिक
भवन, रिसर्च लैब, लाइब्रेरी बिल्डिंग,कम्प्यूटर लैब, हॉस्टल और क्लासरूम का
निर्माण होगा। साथ ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय काँफ्रेंस, सेमिनार,
वेबिनार, शैक्षणिक भ्रमण, संकाय संवर्धन और व्यवसायिक प्रशिक्षण की सुविधा
उपलब्ध होगी।
कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य
मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर, अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता, निजी
विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमेन डॉ. भरत शरण सिंह, कुलपति केके जैन
विशेष रूप से उपस्थित थे।