वायनाड, । केरल के वायनाड जिले में कल (30 जुलाई) तड़के आई
प्रलयकारी जल आपदा से सारा देश सदमे में है। केरल में घोषित दो दिवसीय शोक
का आज आखिरी दिन है। जल सैलाब की चपेट में आए तीन गांवों के लोगों की
खोजबीन जारी है। पल-पल हताहतों की संख्या बढ़ रही है। केरल स्वास्थ्य विभाग
का कहना है कि अब तक 143 लोगों के शव मिल चुके हैं।
वायनाड केरल
का पहाड़ी जिला है। यहां की विथिरी तालुका में मूसलाधार बारिश के बीच कुछ
घंटे के अंतराल में दो बार हुए भूस्खलन ने तीन गांवों को जमींदोज कर दिया।
पानी का सैलाब लोगों को बहा ले गया है। सीमावर्ती मलप्पुरम जिले के
पोथुकल्लू इलाके के पास चलियार नदी से 25 क्षत-विक्षत अंग और वायनाड के
चूरलमाला से चार क्षत-विक्षत अंग बरामद हुए हैं।
मुख्यमंत्री
पिनाराई विजयन का कहना है कि मुंडक्कई, चूरलमाला और अट्टामाला में राज्य और
केंद्रीय बलों का गहन बचाव अभियान चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
ने मृतकों के परिजनों के लिए दो लाख और घायलों के लिए 50,000 मुआवजे की
घोषणा की है।
केरल सरकार का कहना है कि इरुवानीपुझा नदी की पहाड़ी
से आए जल सैलाब ने छह किलोमीटर दूसर स्थित इन तीन गांवों को निगल लिया।
पहली बार रात दो बजे पहाड़ से टूटकर आई चट्टानों के ढेर ने घरों के अंदर
सोये लोगों को भागने का मौका तक नहीं दिया। कुछ ही देर में मकतल बन चुके इस
इलाके में तबाही का दूसरा कहर सुबह 4ः10 पर बरपा। इस बार जल सैलाब ने नदी
की धारा बदल दी।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा है कि भूस्खलन के दौरान
इरुवानीपुझा तक फैला चूरामला पुल नष्ट हो गया है। भूस्खलन से बचे सैकड़ों
लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री ने कल कहा कि
इस इलाके में पिछले 48 घंटों में 578 मिलीमीटर बारिश हुई है।