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तमिलनाडु में बारिश का दौर जारी, जलजमाव की समस्या बनी मुसीबत


चेन्नई। तमिलनाडु के तटीय इलाकों से जुड़े कई जिलों में बुधवार को भी भारी बारिश का सिलसिला जारी रहा। चेन्नई तथा आसपास के ज़िलों तिरुवल्लूर, चेंगलपट्टू और कांचीपुरम में दिनभर तेज बारिश होती रही। लगातार हुई बारिश से कई रिहायशी इलाकों, मुख्य सड़कों और निचले क्षेत्रों में अचानक जलभराव हो गया, जिससे यातायात बाधित हुआ और आम जनजीवन प्रभावित हुआ।

 बुधवार इस सप्ताह का तीसरा लगातार बरसाती दिन रहा। इससे पहले लगभग एक हफ्ते तक रुक-रुक कर हुई बारिश पहले ही छोटे व्यापारियों और दिहाड़ी मजदूरों की रोजमर्रा की कमाई पर असर डाल चुकी है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह मौसम तंत्र पहले चक्रवात ‘दितवाह’ के रूप में सक्रिय था, लेकिन अब कमजोर हो चुका है। विभाग ने बताया, “दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तर तमिलनाडु–पुडुचेरी तट के पास बना दबाव का क्षेत्र धीमी गति से दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ा और एक गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र में बदल गया।

” आईएमडी के बुलेटिन के अनुसार, यह प्रणाली अगले 24 घंटों में और कमजोर होने की संभावना है, लेकिन इसमें शेष नमी और परिसंचरण के चलते कई ज़िलों में भारी बारिश जारी रह सकती है। विलुप्पुरम, कुड्डालोर और तिरुवन्नामलाई जिलों में भी रुक-रुक कर तेज बारिश दर्ज की गई, जिससे ग्रामीण इलाकों में जलभराव और किसान गतिविधियों में अस्थायी समस्या देखी गई। इस बीच, प्रतिकूल मौसम के बावजूद तिरुवन्नामलाई में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं बाधित नहीं हुईं। 

प्रसिद्ध अरुणाचलेश्वरर मंदिर में बुधवार सुबह वार्षिक कार्तिगई दीपम महोत्सव की शुरुआत करते हुए पुजारियों ने गर्भगृह में ‘भरनी दीपम’ प्रज्वलित किया। भारी बारिश के बावजूद एचआर एंड सीई मंत्री पी. के. शेखर बाबू, मंदिर अधिकारी और सैकड़ों श्रद्धालु इस शुभ क्षण के साक्षी बने, जो क्षेत्र की गहरी सांस्कृतिक आस्था को दर्शाता है। मौसम प्रणाली के तट पर बनी रहने के कारण प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने, जलभराव वाले क्षेत्रों से बचने और स्थानीय अधिकारियों द्वारा जारी सलाह का पालन करने की अपील की है।

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