खंडवा, मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे महान पार्श्व गायक
किशोर कुमार की जयंती पर रविवार को दूरदराज से सैकड़ों प्रशंसक उनकी समाधि
पर जुटे। यहां सबने खुशबूदार पुष्प अर्पित किए और समाधि पर दूध-जलेबी का
भोग लगाया। इस दौरान रिमझिम बारिश होती रही, तो ऐसा लगा मानो इस मौसम में
किशोर दा का मन फिर कह उठा हो- भीगें आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन।
सावन की रिमझिम फुहारों के बीच किशोर दा की समाधि पर उनके प्रशंसक जुटे तो
1979 में आई फिल्म मंजिल का दिलकश गीत रिमझिम गिरे सावन, सुलग-सुलग जाए
मन... जैसे फिर से जीवंत हो उठा।
हरफनमौला कलाकार किशोर दा की
जयंती पर खंडवा में उनके चाहने वाले महाराष्ट्र के मुंबई, अकोला और गुजरात
एवं मध्य प्रदेश के कई शहरों से उनके प्रशंसक पहुंचे। नगर निगम द्वारा
समाधि को फूलों से सजाया गया। किशोर दा कहा करते थे कि दूध, जलेबी खाएंगे
और खंडवा में बस जाएंगे, इसलिए उनकी समाधि पर दूध, जलेबी का भोग भी लगाया
गया। समाधि पर स्वरांजलि देने के लिए पार्श्व गायक मिलन सिंह और श्रीजीत भी
पहुंचे। दोनों ने मंच से किशोर कुमार के गीतों की प्रस्तुति दी।
प्रदेश
के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी समाधि पर पुष्प
अर्पित करके गीत गुनगुनाया। यहां कलेक्टर अनुपकूमार सिंह और एसपी मनोज
कुमार राय ने भी प्रस्तुति दी। दूर-दूर से आए किशोर प्रेमियों ने मंच से एक
से बढ़कर गीत प्रस्तुत किए। किशोर दा के जन्मदिन पर शहरभर में अलग-अलग
संस्थाओं द्वारा संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।