धोखाधड़ी मामले में भगोड़े मुनव्वर खान को कुवैत से भारत वापस लाया गया

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इंटरपोल के माध्यम से कुवैत से भगोड़े मुनव्वर खान को भारत प्रत्यर्पित करने में सफलता हासिल की है। मुनव्वर खान जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई का वांछित अपराधी है।
सीबीआई ने इंटरपोल और कुवैत की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ मिलकर मुनव्वर खान की लोकेशन का पता लगाया था। एसटीबी चेन्नई ब्रांच के अनुरोध पर सीबीआई ने 7 फरवरी को इंटरपोल के माध्यम से रेड नोटिस जारी कराया। इस पर कार्रवाई करते हुए मुनव्वर खान को कुवैत के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया और आरोपी को भारत प्रत्यर्पित करने का निर्णय लिया गया।
सीबीआई ने बताया कि एजेंसी की अंतर्राष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (आईपीसीयू) ने विदेश मंत्रालय और एनसीबी-कुवैत के सहयोग से 11 सितंबर को वांछित मुनव्वर खान को सफलतापूर्वक भारत प्रत्यर्पित किया। सीबीआई के अनुसार, मुनव्वर खान को कुवैत पुलिस की एक टीम कुवैत से हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ले आई। इसके बाद एयरपोर्ट पर सीबीआई और एसटीबी-चेन्नई की एक टीम ने उसे हिरासत में ले लिया।
सीबीआई के अनुसार, मुनव्वर खान पर आपराधिक षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप हैं। उसने अन्य लोगों के साथ मिलकर बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ धोखाधड़ी की थी। बैंक से धोखाधड़ी करने के कुछ ही समय बाद आरोपी मुनव्वर खान कुवैत भाग गया। इस कारण उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। सीबीआई और एसटीबी-चेन्नई ने इस मामले में मुनव्वर खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आगे कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने इंटरपोल से रेड नोटिस जारी कराया था।
बता दें कि इंटरपोल की ओर से जारी रेड नोटिस विश्व भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियों को वांछित अपराधियों का पता लगाने के लिए जारी किया जाता है। भारत में इंटरपोल के लिए नेशनल सेंट्रल ब्यूरो के रूप में सीबीआई कार्यरत है। सीबीआई, भारत में सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ 'भारतपोल' के माध्यम से कॉर्डिनेशन करती है। पिछले कुछ सालों में इंटरपोल चैनलों के माध्यम से कॉर्डिनेशन करके 130 से अधिक वांछित अपराधियों को भारत वापस लाया गया है।