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खंडवा जेल में विचाराधीन कैदी की मौत, बैरक में अचेत अवस्था में मिला


खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में शहीद जननायक टंट्या भील जिला जेल में शनिवार सुबह एक बंदी की संदिग्ध परिस्थितयाें में माैत हाे गई। मृतक को पुलिस ने शराब के एक पुराने मामले में कोर्ट वारंट के आधार पर महज दो दिन पहले (20 नवंबर) ही गिरफ्तार कर जिला जेल लाया गया था और बैरक नंबर 5 में रखा गया था। शनिवार सुबह वह अचेत अवस्था में मिला। जेल प्रबंधन के लाेग उसे लेकर तुरंतत जिला अस्पताल पहुंचे, जहां डाॅक्टर ने जांच उपरांत उसे मृत घाेषित कर दिया। शव को मेडिकल कॉलेज की मॉर्चुरी में रखा गया है। पुलिस की सूचना पर परिजन अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें बेटे का शव नहीं दिखाया गया। मामला जिला जेल का होने के कारण थाना कोतवाली पुलिस जांच कर रही है।

जानकारी के अनुसार 32 वर्षीय जीतेंद्र उर्फ़ जीतू पुत्र रविशंकर निवासी छनेरा को शनिवार सुबह अचानक तबियत बिगड़ने पर करीब छह बजे जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल में चिकित्सकों ने प्रारंभिक जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन, जेल अधिकारी और मृतक के परिजन अस्पताल पहुंच गए। मृतक कैदी हरसूद का रहने वाला था और शराब के मामले में अपराध दर्ज था। शराब का आदी और मिर्गी का मरीज होने की बात सामने आई है। हरसूद पुलिस के अनुसार, जितेंद्र पर 2022 में आबकारी एक्ट (शराब) के तहत मामला दर्ज हुआ था। इसी प्रकरण में कोर्ट से वारंट जारी हुआ था। पुलिस ने 20 नवंबर को उसे उसकी लिव-इन पार्टनर के घर से हिरासत में लिया था और जेल भेज दिया था। जेलर यशवंत मांझी ने कहा कि बंदी की तबीयत अचानक खराब हुई थी। जेल के डॉक्टर द्वारा जांच के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मामले में जांच जारी है, अभी कुछ कहना संभव नहीं है। मामला संवेदनशील होने के कारण पुलिस और जेल विभाग दोनों ही स्तरों पर जांच में जुटे हुए हैं। जेलर ने बताया कि जेल में दाखिल होते समय भी वह नशे में था, यह रजिस्टर में दर्ज है। बंदी की मौत के मामले में मजिस्ट्रियल जांच होगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मृत्यु का कारण स्पष्ट हो सकेगा।

परिजनाें ने लगाए आराेप

उधर, मृतक के भाई सुधाकर सांगुले ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उसने बताया, "आज शनिवार सुबह 9 बजे हरसूद पुलिस का एक जवान घर आया और उसने बताया कि भाई की मौत हो गई हैं। जबकि थोड़ी देर पहले फोन कर कहा था कि वह बीमार हैं।" मृतक की मां श्यामबाई का कहना है कि बेटे की गिरफ्तारी की सूचना पुलिस ने उन्हें नहीं दी। वह जिस महिला के साथ रिलेशनशिप में रहता था, उस महिला ने बताया कि जितेंद्र को पुलिस ले गई है। मां ने बताया, "जितेंद्र शराब पीने का आदी था। उसकी दोनों किडनियां खराब हो गई थी। उसकी प्रेमिका ने पुलिस से कहा कि उसे मत ले जाओ, लगे तो दो हजार रुपए ले लो। लेकिन पुलिस ने कोर्ट का मामला बताते हुए उसे नहीं छोड़ा और जेल भेज दिया।"

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