जबलपुर। मप्र उच्च न्यायालय में अब कोई भी मुकदमे टॉप टेन में नहीं लगाए जा सकेंगे। पिछले प्रशासनिक जज अतुल श्रीधरन की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने कई मुकदमों को टॉप टेन में लगाने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब वर्तमान प्रशासनिक जज विवेक रूसिया और जस्टिस प्रदीप मित्तल की डिवीजन बेंच ने संज्ञान लेकर इन टॉप टेन के आदेशों को वापस ले लिया है। साथ ही यह निर्देश भी दिए कि केस इन्फॉर्मेशन मेनेजमेंट सिस्टम (सीआईएमएस) के मुताबिक ही मुकदमों की लिस्टिंग की जाए। इस फैसले को न्यायिक सुधार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
दरअसल जस्टिस रूसिया की अध्यक्षता वाली बेंच में एक मामला इन्दौर के रिटायर्ड कर्मचारी बृजेश कुमार भार्गव का मामला आया जिसमे उन्होंने अपने सेवानिवृत्ति लाभों को पाने के संबंध में दायर किया था। 6 अक्टूबर को जस्टिस श्रीधरन की बेंच ने इस मुकदमे को अगली सुनवाई पर टॉप टेन में लिस्ट करने कहा था।
सुनवाई के दौरान जस्टिस रूसिया की बेंच ने कहा कि हर मुकदमे की सुनवाई टॉप टेन में कर पाना हाईकोर्ट के लिए संभव नहीं है। ऐसे में इस तरह के पिछले सभी आदेशों को स्वतः संज्ञान लेकर वापस लिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले प्रशासनिक जज अतुल श्रीधरन की अध्यक्षता वाली बेंच मुकदमा कुछ खास प्रकृति का होने पर अगली सुनवाई पर उसको टॉप टेन में लिस्ट करने के निर्देश दिए जाते थे।













