प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। ज्ञापन लेने पहुंचे एसडीएम गगन मीणा से छात्रों की नोकझोंक भी हुई। छात्रों का आरोप है कि एसडीएम द्वारा पन दो और जाओ कहने पर वे नाराज हो गए और उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन देने से इनकार कर दिया। बाद में यह ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर संजय जैन को सौंपा गया।
नियम विरूद्ध संचालित हो रहे डी.एड. व बी.एड. कॉलोज
ज्ञापन में परिषद ने आरोप लगाया कि श्योपुर जिले में संचालित डी.एड. व बी.एड. का संचालन पूरी तरह से नियम विरूद्ध तरीके से किया जा रहा है। इन कॉलेजों के पास न तो पर्याप्त भवन हैं और न ही आवश्यक सुविधाऐं है। विद्यार्थी परिषद का दावा है कि ये कॉलेज केवल डिग्री बेचने का काम कर रहे हैं।
अटैचमेंट के मुद्दे पर भी उठाये सवाल
विद्यार्थी परिषद ने जले भर में शिक्षकों के अटैचमेंट को एक गंभीर समस्या बताया। परिषद मूल संस्थाओं को छोड़कर विभागों में अटैच शिक्षकों को मूल संस्थाओं में भेजे जाने की मांग की है।
10 दिन का अल्टीमेटम, आंदोलन की दी चैतावनी
ग्राम पंचायत कलारना में खेल मैदान के अभाव का मुद्दा उठाते हुए विद्यार्थियों के लिए खेल मैदान हेतु भूमि आवंटन की मांग भी ज्ञापन में शामिल है। परिषद के जिला संयोजक गणेश शर्मा ने स्पष्ट किया कि यदि 10 दिनों में मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
श्योपुर : शिक्षा के व्यापारीकरण के आरोपों के साथ एबीवीपी का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन
श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्याेेपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्र-छात्राओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने जिले में शिक्षा के कथित व्यापारीकरण सहित विभिन्न मांगों को लेकर 10 दिन के भीतर समाधान की मांग की है। परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि तय समय-सीमा में उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।












