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चौपालों में चुनावी खनक, चाय की प्यालियों में जीत-हार की हनक




पलामू।अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पलामू लोकसभा सीट पर 13 मई को मतदान होना है। इससे पलामू में सियासी रंग गाढ़ा हो गया है। चौक चौराहों से लेकर खेत खलिहान तक सिर्फ चुनाव की चर्चा है। चाय की चुस्कियों के साथ जीत हार के समीकरण बैठाए जा रहे हैं। मुद्दे भी हवा में खूब उछल रहे हैं। सरकार के पक्ष में तर्क गढ़ने वाले लोगों के पास राम मंदिर, पांच किलो अनाज, हिन्दुत्व आदि के खातिर, जबकि विपक्ष के साथ खड़े लोग सिंचाई, बेकारी, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाकर केन्द्र सरकार की कार्य प्रणाली को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। लोगों की चर्चाओं में बेरोजगारी, पेयजल एवं सिंचाई का मुद्दा प्रमुख रह रहा है।

राज्य गठन के बाद भाजपा ने 2014 में पहली बार पलामू सीट पर जीत दर्ज की थी

राज्य गठन के बाद भाजपा ने वर्ष 2014 में पहली बार पलामू सीट पर जीत दर्ज की थी। वर्ष 2014 में भाजपा ने पूर्व डीजीपी वीडी राम को टिकट दिया। विगत चार लोकसभा चुनाव में इस सीट से भाजपा ने दो बार जीत दर्ज की। वर्ष 1999 में भाजपा के बृजमोहन राम व 2014 में वीडी राम सांसद चुने गए। इस बीच वर्ष 2004 में राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार व वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में झामुमो के टिकट पर कामेश्वर बैठा ने चुनाव जीता था। पिछले चार में से तीन लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे।

पलामू संसदीय क्षेत्र में कभी कांग्रेस का दबदबा हुआ करता था। इस संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चार दफा निर्वाचित होने का नाम कमला कुमारी का है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस सीट से 1957, 1967, 1971, 1980 और 1984 में कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। दलगत दृष्टिकोण से देखंे तो पलामू संसदीय क्षेत्र से 1957 से लेकर अबतक पांच दफा कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई है। चार बार भाजपा, दो बार राजद और एक बार जनता दल के प्रत्याशी की जीत हुई है। झामुमो के प्रत्याशी के रूप में कामेश्वर बैठा ने भी इस संसदीय सीट से चुनाव जीत चुके हैं। वर्ष 1991 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने पलामू सीट पर अपना कब्जा जमाया था।

पलामू लोकसभा क्षेत्र में पलामू एवं गढ़वा जिल आते हैं। पलामू जिला अंतर्गत चार विधानसभा क्षेत्र पड़ता है। इनमें डालटनगंज, विश्रामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद एवं गढ़वा जिला में गढवा एवं भवनाथपुर विधानसभा शामिल है। पिछले चुनाव में भाजपा के वीडी राम ने राजद के प्रत्याशी घूरन राम को चार लाख से अधिक मतों से शिकस्त की थी। 2024 के चुनाव में तकरीबन 22 लाख 43 हजार मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जबकि मतदान केन्द्रों की संख्या 2426 है। सुबह सात बजे से शाम 5 बजे तक वोटिंग होगी।

पलामू लोकसभा क्षेत्र से कुल नौ प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, लेकिन सीधा मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी विष्णु दयाल राम और इंडी गठबंधन समर्थित राजद प्रत्याशी ममता भुइयां के बीच है। इंडी गठबंधन की प्रत्याशी ममता भुइयां लगातार जनसंपर्क अभियान में लगी हैं। उनका दावा है कि उन्हें हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। वीडी राम के कार्यकाल की कई बड़ी घोषणाएं अधूरी रह गयी हैं। इससे लोग बदलाव चाहते हैं।

इधर, बहुजन समाज पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे पूर्व सांसद एवं नक्सली कमांडर रहे कामेश्वर बैठा ने कहा कि पलामू का परिणाम चौकाने वाला होगा। भाजपा के उम्मीदवार वीडी राम का दावा है कि अधूरे काम को इस कार्यकाल में पूरा किया जायेगा। खासकर रोजगार की दिशा में कार्य किए जायेंगे। उतरी कोयल परियोजना (मंडल डैम) का भी निर्माण पूरा होगा। पलामू लोकसभा क्षेत्र में होने वाले चुनाव में लोग इस बार जन प्रतिनिधियों से खासे नाराज हैं। उनका मामना है कि अबतक कई सांसद आए, लेकिन मुलभूत समस्याओं पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

इस सबंध में वरिष्ठ पत्रकार एसके सहाय बताते हैं कि इस बार के चुनाव में स्थानीय मुद्दे भी हावी रहेंगे। इसमें पेयजल बड़ी गंभीर समस्या है। इसके अलावा रोजगार एवं सिंचाई के मामले भी छाए रहेंगे।



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