भीड़, ट्रैफिक और तेज़ रफ्तार ज़िंदगी से दूर यहां का शुद्ध हवा मन को तरोताजा कर देता है। जिले का यह खूबसूरत प्राकृतिक स्थल आज भी अपनी मौलिक सुंदरता को संजोए हुए है और धीरे-धीरे झारखंड के प्रमुख पिकनिक और टूरिज्म स्पॉट के रूप में उभर रहा है।
घने साल और सागवान के जंगलों से घिरा पहाड़ भांगा उंचे पहाड़ों, विशाल सफेद चट्टान और बीच से बहती निर्मल नदी के कारण बेहद आकर्षक दिखती है। नदी की कलकल धारा, ठंडी हवाओं के झोंके और पक्षियों की मधुर ध्वनि यहां आने वाले हर पर्यटक को प्रकृति से जोड़ देती है। यही कारण है कि लोग इस स्थान को झारखंड की छोटा जन्नत कहकर पुकारते हैं।
यहां का वातावरण इतना शांत और प्रदूषण रहित है कि कुछ समय बिताने भर से ही मन और तन दोनों तरोताज़ा हो जाते हैं। यहां पहाड़ की ओट में बैठकर बहती नदी को निहारना और हरियाली से भरे नज़ारों को कैमरे में कैद करना पर्यटकों को खासा पसंद आता है। परिवार, दोस्तों और बच्चों के साथ पिकनिक मनाने के लिए यह स्थान पूरी तरह सुरक्षित और उपयुक्त माना जाता है।
अब पहाड़ भांगा की पहचान सिर्फ स्थानीय इलाके तक सीमित नहीं रह गई है। सप्ताहांत और छुट्टियों के दिनों में यहां झारखंड के विभिन्न जिलों के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बिहार से भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। खासकर मानसून और सर्दियों के मौसम में यहां की प्राकृतिक सुंदरता अपने चरम पर होती है, जब पहाड़ हरियाली से ढक जाते हैं और नदी का जलस्तर बढ़ने से नज़ारा और भी मनमोहक हो जाता है।
पर्यटकों का कहना है कि भांगा पहाड़ की सबसे बड़ी खासियत यहां की असीम शांति है। यहां न तो शोरगुल है और न ही व्यावसायिक चकाचौंध, बल्कि प्रकृति अपने असली रूप में मौजूद है। कई लोग इसे मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए एक आदर्श स्थान मानते हैं।
पर्यटन की दृष्टि से अगर यहां बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाए, तो पहाड़ भांगा भविष्य में झारखंड का एक प्रमुख ईको-टूरिज्म हब बन सकता है। फिलहाल, यह स्थान उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, जो प्रकृति के करीब रहकर कुछ यादगार पल बिताना चाहते हैं।
अगर आप भी शांति, सुंदरता और प्राकृतिक आनंद की तलाश में हैं, तो पहाड़ भांगा जरूर आएं। यहां की हरियाली, पहाड़, नदी और खुला आसमान आपको बार-बार आने का मन करेगा।
स्वर्ग जैसा खूबसूरत है पोटका का पहाड़ भांगा, हो रही अनदेखी
पूर्वी सिंहभूम। झारखंड राज्य स्वर्ग की तरह सुंदर है, राज्य के पूर्वी सिंहभूम जिले में स्थित पुटका पोटका का पहाड़ भांगा की प्राकृतिक छटा सैलानियों को मानसिक सुकून और आनंद से भर देता है। लेकिन इस जगह के विकास को लेकर सरकार की ओर से अनदेखी की जा रही है।












