उन्होंने एसोसिएशन को हर संभव सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि सड़कों पर गड्ढों के कारण आवागमन बाधित हो रहा है, जिसका समाधान इंडियन ऑयल प्रबंधन को करना होगा।
कार्यक्रम में झारखंड आंदोलनकारी सह आदिवासी महासभा के केंद्रीय सचिव संजय होरो ने कहा कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में किसी भी हाल में बाहरी ट्रांसपोर्टरों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। प्रबंधन को स्थानीय नियमों के तहत ही काम करना होगा और ट्रांसपोर्टरों की मांगें संगठन के माध्यम से ही रखी जाएंगी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष टीका खान ने कहा कि संगठन का गठन ट्रांसपोर्टरों के हितों की रक्षा के लिए किया गया है। उन्होंने टैंकर चालक और उपचालकों के लिए पार्किंग, रेस्ट रूम, शौचालय और कांटा जैसी सुविधाओं की मांग रखी। सांसद प्रतिनिधि नियामुदीन खान और अशोक महतो ने भी स्थानीय ट्रांसपोर्टरों के समर्थन का भरोसा दिलाया। कार्यक्रम में झारखंड आंदोलनकारी सुनील नंदा ने संगठन की एकजुटता पर बल दिया। मौके पर कई जनप्रतिनिधि, संगठन पदाधिकारी और कई ट्रांसपोर्टर उपस्थित थे।
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का खुला कार्यालय, स्थानीय लाेगों को प्राथमिकता की मांग
खूंटी। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन प्रबंधन को हर हाल में स्थानीय एवं झारखंडी ट्रांसपोर्टरों को प्राथमिकता देनी होगी, ताकि वे पूर्व की तरह अपने ट्रांसपोर्टिंग कार्य को सुचारू रूप से संचालित कर सकें। साथ ही कंपनी को सीएसआर के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे। यह बातें खूंटी जिला परिषद अध्यक्ष मसी गुड़िया ने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन कार्यालय के उद्घाटन समारोह में शनिवार को मुख्य अतिथि के रूप में कही।












