पश्चिमी सिंहभूम। मनरेगा को कमजोर करने और केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 27 दिसंबर को जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित पुराना डीसी कार्यालय के समक्ष सुबह 11 बजे से जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उक्त बाते बुधवार को
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने प्रेस विज्ञप्ति
जारी कर कही।
उन्होंने कहा कि मनरेगा को समाप्त करना भाजपा की गरीब और मजदूर विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मनरेगा ग्रामीण गरीबों के लिए केवल एक योजना नहीं, बल्कि उनकी आजीविका की सुरक्षा का मजबूत आधार रही है।
इस आंदोलन में झामुमो पश्चिमी सिंहभूम जिले के सभी जिला एवं वर्ग संगठन, प्रखंड और नगर समितियों के पदाधिकारी, केंद्रीय सदस्य तथा बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि मनरेगा और प्रस्तावित “वीबी–जी रामजी बिल 2025” में काफी अंतर है। यह बिल बिना राज्यों से पर्याप्त सलाह और व्यापक चर्चा के शीतकालीन सत्र में जल्दबाजी में लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार एक साजिश के तहत मनरेगा जैसी जनहितकारी योजना को समाप्त कर रही है।
झामुमो जिला प्रवक्ता ने कहा कि मनरेगा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक परिवार को साल में कम से कम 100 दिन का गारंटीकृत रोजगार उपलब्ध कराना था, जिससे ग्रामीण परिवारों को आर्थिक सुरक्षा मिल सके। इसके माध्यम से जल संरक्षण, तालाब, नहर, सड़क और अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण हुआ है। साथ ही इस योजना ने महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त किया।
उन्होंने कहा कि मनरेगा ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित की, क्योंकि इसके तहत सामाजिक अंकेक्षण और ग्राम पंचायतों की भूमिका अहम रही। इसके विपरीत “वीबी–जी रामजी बिल 2025” ग्रामीण गरीबों के रोजगार के संवैधानिक अधिकार को कमजोर करता है और मजदूरों की सौदेबाजी की ताकत छीनने का प्रयास है।
मनरेगा और केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 27 को झामुमो का प्रदर्शन












