अधिकारियों ने जानकारी दी कि एक किसान अधिकतम 200 क्विंटल तक धान की बिक्री कर सकता है। इस वर्ष धान अधिप्राप्ति योजना में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पहले जहां किसानों को धान बिक्री की राशि दो किश्तों में मिलती थी, वहीं इस वर्ष बेचे गए धान का पूरा भुगतान 24 घंटे के भीतर या अधिकतम 7 दिनों के अंदर एकमुश्त किसानों के बैंक खाते में अंतरित किया जाएगा। इस वर्ष धान की क्रय दर 2450 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है। धान अधिप्राप्ति के लिए प्रखंड में कुल पांच केंद्र चिन्हित किए गए हैं, जिनमें तपकरा, तोरपा, अम्मा एवं सुंदारी के लैंप्स तथा गुफु स्थित महिला स्वावलंबी समिति (एफपीओ) शामिल हैं। सभी केंद्रों पर दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति भी कर दी गई है। बैठक में सभी लैंप्स के अध्यक्ष एवं सचिव को ईमानदारीपूर्वक कार्य करने तथा अधिक से अधिक किसानों को योजना का लाभ दिलाने का निर्देश दिया गया। साथ ही सभी धान अधिप्राप्ति केंद्रों में सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी निर्देश दिया गया।
बैठक में अंचल अधिकारी पूजा बिन्हा, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी सहित अन्य मौजूद थे।
धान अधिप्राप्ति अभियान को लेकर प्रखंड स्तरीय समिति की बैठक आयोजित
खूंटी,। धान अधिप्राप्ति अभियान को सफल बनाने के उद्देश्य से शनिवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी नवीन चंद्र झा की अध्यक्षता में प्रखंड स्तरीय समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में आगामी सप्ताह से प्रारंभ होने वाले धान अधिप्राप्ति अभियान को लेकर विस्तृत चर्चा की गई तथा अधिक से अधिक किसानों को इस योजना से जोड़ने की अपील की गई। बैठक में बताया गया कि जो किसान अपने अतिरिक्त धान उत्पादन को बेचना चाहते हैं, उनके लिए योजना के अंतर्गत निबंधन कराना अनिवार्य है। निबंधन की प्रक्रिया ई-उपार्जन पोर्टल के माध्यम से किसान स्वयं अपने स्मार्ट फोन से कर सकते हैं। इसके अलावा प्रज्ञा केंद्र पर जाकर ऑनलाइन निबंधन अथवा अंचल कार्यालय में ऑफलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है। निबंधन के लिए जमीन के कागजात, आधार कार्ड, वंशावली तथा सक्रिय बैंक खाता अनिवार्य बताया गया।












