फतेहाबाद। बमुश्किल एक साल पहले जिस बेटी ने महाराष्ट्र की धरती पर अपनी फुर्ती और जज्बे से देशभर के धुरंधरों को धूल चटाकर हरियाणा की झोली में स्वर्ण पदक डाला था, आज वह जिंदगी के मैदान में हार गई। फतेहाबाद के गांव भूथनकलां की शान और राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की दसवीं कक्षा की छात्रा एवं अंडर-14 नेशनल कबड्डी में गोल्ड मेडल जीतकर गांव का नाम रोशन करने वाली प्रतिज्ञा ने सोमवार को पीजीआई रोहतक में अंतिम सांस ली। छाती में संक्रमण की एक छोटी सी शिकायत देखते ही देखते बीमारी में बदल गई। सरकारी स्कूल शिक्षा समिति के प्रधान कृष्ण ज्याणी ने बताया कि पिछले वर्ष जब 68वीं राष्ट्रीय स्कूली खेल प्रतियोगिता में प्रतिज्ञा के नेतृत्व में हरियाणा की टीम ने गोल्ड मेडल जीता था, तब भूथनकलां का नजारा देखने लायक था। वह सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि गांव की हर उस लडक़ी के लिए प्रेरणा थी जो अपनी सीमाओं को तोडक़र आसमान छूना चाहती थी।कोच प्रदीप ने कहा कि हमारे गांव की कबड्डी नर्सरी के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। प्रतिज्ञा की बोनस मारने की तकनीक इतनी सटीक थी कि विपक्षी टीमें दंग रह जाती थीं। स्कूल के खेल प्रशिक्षक अध्यापक डीपीई कुलदीप सिंह ने बताया, वह एक बेहद अनुशासित और होनहार छात्रा थी।प्रतिज्ञा का सपना था कि वह भारतीय टीम का हिस्सा बने और तिरंगे का मान बढ़ाए। उसके माता-पिता और स्कूल के प्रिंसिपल सहित पूरा एसएमसी परिवार सहित पूरा गांव और इलाका इस समय गहरे शोक में है। एक ऐसी खिलाड़ी जिसका नेतृत्व कौशल मिसाल था, आज शांति से विदा हो गई। कल देर शाम हुए अंतिम संस्कार में भारी संख्या में मौजूद रहकर ग्रामीण और इलाका वासियों ने प्रतिज्ञा को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।













