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आयुष विभाग फतेहाबाद ने ब्रह्माकुमारी आश्रम में मनाया दूसरा अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस


-ध्यान से आत्म-परिवर्तन, आत्म-शांति और स्वस्थ समाज की ओर कदम : संगीता दीदी

फतेहाबाद। आयुष विभाग फतेहाबाद की ओर से रविवार को अशोक नगर स्थित ब्रह्माकुमारी आश्रम में दूसरा अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस मनाया गया। यह कार्यक्रम महानिदेशक आयुष विभाग, पंचकूला तथा हरियाणा योग आयोग के तत्वाधान में आयोजित हुआ।

जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. प्रवीण शर्मा के मार्गदर्शन में आयोजित ध्यान शिविर की समन्वयक जिला योग समन्वयक डॉ. भारती चौहान रहीं। कार्यक्रम की देखरेख जिला योग विशेषज्ञ अंबिका पांटा ने की। ध्यान शिविर में ब्रह्माकुमारी आश्रम के नियमित साधकों के साथ-साथ आयुष विभाग जिला फतेहाबाद के समस्त आयुष योग सहायकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

ध्यान सत्र के दौरान ब्रह्माकुमारी आश्रम की ब्रह्माकुमारी संगीता दीदी एवं मदन भाई ने उपस्थित साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि स्व-परिवर्तन से ही विश्व-परिवर्तन संभव है। उन्होंने राजयोग अर्थात सहज ध्यान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह अभ्यास आत्म-ज्ञान, आंतरिक शांति और दैवीय गुणों जैसे प्रेम, विनम्रता एवं पवित्रता को जागृत करता है। उन्होंने कहा कि परमात्मा शिव से जुडक़र मनुष्य अपनी खोई हुई आत्मिक शक्तियों और वास्तविक खुशी को पुन: प्राप्त कर सकता है, जिससे सकारात्मक और संतुलित जीवन संभव हो पाता है।

जिला योग कोऑर्डिनेटर डॉ. भारती चौहान ने कहा कि ध्यान प्रत्येक मनुष्य के जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। यदि कोई व्यक्ति तन और मन दोनों से स्वस्थ रहना चाहता है, तो उसे नित्य प्रति ध्यान को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। नियमित ध्यान से ही मनुष्य का सर्वांगीण विकास संभव है और जीवन में संतुलन बना रहता है।

कार्यक्रम के समापन पर योग विशेषज्ञ अंबिका पांटा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि वर्तमान समय में अधिकांश लोग मानसिक तनाव और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण स्वयं के लिए समय न निकाल पाना है। उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति अपने मन रूपी बैटरी को पवित्र और सकारात्मक विचारों से चार्ज नहीं करता, तो वह धीरे-धीरे मानसिक असंतुलन की ओर बढ़ता जाता है। इसका एकमात्र और सरल उपाय ध्यान है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ रहने और एक अच्छे समाज की नींव रखने के लिए ज्ञान एवं ध्यान के माध्यम से स्वयं को मानसिक रूप से सशक्त बनाना होगा।

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