जिलाधीश ने अपने आदेशों में बताया कि केवल राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) द्वारा प्रमाणित और द्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग के पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) से लाइसेंस प्राप्त ग्रीन पटाखों को सीमित अवधि व समय में प्रयोग किए जाने की अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि दीवाली के पहले दिन व दिवाली के दिन सुबह छह बजे से सात बजे तक और शाम आठ बजे से रात 10 बजे तक तक ग्रीन पटाखे प्रयोग करने की समय अवधि निर्धारित की गई है। इसके अलावा ग्रीन पटाखों की बिक्री केवल 18 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक ही अधिकृत स्थानों पर की जा सकेगी।
ऑनलाइन मध्यम तथा क्षेत्र के बाहर से पटाखे लाने पर भी प्रतिबंध
जिलाधीश ने कहा कि ऑनलाइन मध्यम के जरिए किसी भी प्रकार के पटाखों की बिक्री, ऑर्डर या वितरण पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। इसके साथ ही एनसीआर क्षेत्र के बाहर से पटाखे लाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने अपने आदेशों में कहा कि पुलिस, नगर परिषद, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अग्निशमन विभाग, नगरपालिकाएं और सभी उपमंडल अधिकारी इन आदेशों की पालना करवाना सुनिश्चित करेंगे। जिलाधीश ने कहा कि आदेशों का उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति, व्यापारी के विरुद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 तथा विस्फोटक अधिनियम 1884 के तहत कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जींद जिला में पटाखों पर लगाया प्रतिबंध,केवल ग्रीन पटाखों की अनुमति

जींद। वायु प्रदूषण नियंत्रण व जनस्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए जिलाधीश मोहम्मद इमरान रजा ने दिवाली त्यौहार पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत आदेश जारी करते हुए जिला में ग्रीन पटाखों (हरित पटाखे) को छोड़ कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण, ऑनलाइन बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। यह निर्णय जनस्वास्थ्य, पर्यावरण सुरक्षा और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप लिया गया है। शनिवार को जिलाध्यक्ष एवं उपायुक्त ने कहा कि वे वायु प्रदूषण को कम करने में प्रशासन का सहयोग करें और ग्रीन दिवाली, स्वच्छ दिवाली मनाकर पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दें। क्योंकि बढ़ता वायु प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन या हृदय रोग से पीडि़त व्यक्तियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करता है।