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ट्रैफिक धोखाधड़ी और वसूली के तीसरे बड़े गिरोह का भंडाफोड़


नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने ट्रैफिक धोखाधड़ी और वसूली से जुड़े तीसरे बड़े संगठित अपराध गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में अवैध स्टिकर/मार्का बेचकर नो-एंट्री के दौरान व्यावसायिक वाहनों को बेरोकटोक चलवाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड रिंकू राणा उर्फ भुषण समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से 31 लाख रुपये नकद, करोड़ों रुपये की संपत्तियों के दस्तावेज, 500 से अधिक फर्जी स्टिकर/मार्का और छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं।

क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त संजीव यादव ने शनिवार को बताया कि आरोपित रिंकू राणा हर महीने 2 से 5 हजार रुपये प्रति वाहन के हिसाब से स्टिकर बेचता था और दावा करता था कि इसके जरिए दिल्ली में नो-एंट्री के दौरान भी वाहन बिना चालान के चल सकेंगे। जांच में सामने आया कि यह एक सुनियोजित और संगठित नेटवर्क था, जो समानांतर व्यवस्था बनाकर ट्रांसपोर्टरों और ड्राइवरों से मोटी रकम वसूल रहा था।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि मामला 29 अप्रैल 2025 को तब सामने आया, जब साकेत ट्रैफिक सर्किल में तैनात एएसआई प्रह्लाद ने एक छोटे हाथी वाहन को जांच के दौरान रोका। चालक ने “आरटीएस” स्टिकर दिखाकर चालान से छूट का दावा किया। व्हाट्सएप ग्रुप की जांच में एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ, जिसके बाद संगठित अपराध से जुड़ी धाराएं जोड़ी गईं।

इसी दौरान, ट्रांसपोर्टरों से वसूली करने वाले एक अन्य संगठित गिरोह के सदस्य मुकेश कुमार उर्फ पकौड़ी को भी गिरफ्तार किया गया है। यह गिरोह राजकुमार उर्फ राजू मीणा चला रहा था, जिसे पहले ही मकोका कानून के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। मुकेश पर आरोप है कि वह ट्रैफिक पुलिस की कार्रवाई के दौरान वीडियो बनाकर अधिकारियों को ब्लैकमेल करता और वसूली करता था।

पुलिस उपायुक्त ने बताया कि पकड़ा गया रिंकू राणा उर्फ भुषण फर्जी स्टिकर छपवाकर बिक्री, नेटवर्क का संचालन करता था। जबकि सोनू शर्मा व्हाट्सएप ग्रुप चलाना, ट्रैफिक पुलिस की मूवमेंट की सूचना देने का काम करता था और मुकेश कुमार उर्फ पकौड़ी वसूली और धमकी देने में सक्रिय था। पुलिस ने आरोपितों के ठिकानों से नकदी, संपत्ति के दस्तावेज और बड़ी संख्या में फर्जी स्टिकर बरामद किए हैं। अब तक तीन अलग-अलग गिरोहों से जुड़े आठ आरोपित गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि वित्तीय जांच और डिजिटल फॉरेंसिक जांच जारी है तथा पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

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