लाल लाल किला पर आयोजित ‘गुरमत समागम’ की अद्भुत सफलता को मुख्यमंत्री ने गुरु साहिब की कृपा माना है। विशेषकर उस परिस्थिति में जब आयोजन से कुछ दिन पूर्व ही आतंकी घटना से पूरा क्षेत्र सहमा हुआ था, फिर भी छह लाख से अधिक श्रद्धालुओं का निर्बाध रूप से शामिल होना स्वयं इस बात का प्रमाण है कि गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की ऊर्जा आज भी समाज को एकजुट रखने की शक्ति रखती है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनका अपनी पूरी सरकार की कैबिनेट के साथ हरमंदिर साहिब जाना केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं बल्कि गुरु परंपरा के प्रति गहरी आस्था और कृतज्ञता का प्रतीक है। सिख इतिहास में हरमंदिर साहिब वह पवित्र स्थल है, जहां संसार भर से संगत केवल दर्शन के लिए नहीं, बल्कि आत्मिक शांति, साहस और सेवा की भावना प्राप्त करने आती है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गुरु साहिब को ‘शुकराना’ अर्पित करने का यह कदम दिल्ली सरकार की ओर से सिख समुदाय के प्रति सम्मान और दिल्ली की सांझी विरासत को नमन भी है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि लाल किला पर 23 से 25 नवंबर को तीन दिवसीय ‘गुरमत समागम’ स्वतंत्र भारत के सबसे भव्य और ऐतिहासिक धार्मिक आयोजनों में एक के रूप में स्थापित हुआ। इस समागम का संयुक्त आयोजन दिल्ली सरकार एवं दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा किया गया, जिसमें छह लाख श्रद्धालुओं ने भागीदारी की, जो एक रेकॉर्ड है। इनमें दिल्ली और देश के अन्य राज्यों के अलावा विदेश से आए श्रद्धालुओं ने नवें पातशाह को नमन किया और उनके बलिदान को स्मरण किया। इस आयोजन की गरिमा को उस समय और अधिक विस्तार मिला, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं गणमान्यों ने लाल किला पहुंचकर गुरु साहिब को नमन किया।
दिल्ली की मुख्यमंत्री अपनी कैबिनेट के साथ आठ को ‘शुकराना’ अदा करने जाएंगी स्वर्ण मंदिर
नई दिल्ली। लाल किला के प्रांगण में गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय 'गुरमत समागम' के भव्य एवं सफल आयोजन पर ‘शुकराना’ अदा करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपनी पूरी कैबिनेट के साथ 8 दिसंबर को अमृतसर स्थित हरमंदिर साहब (स्वर्ण मंदिर) जाएंगी। यह जानकारी शनिवार को एक विज्ञप्ति जारी कर दी गई।












