नई दिल्ली। दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क (चिड़ियाघर) के एकमात्र अफ्रीकी हाथी शंकर की बुधवार रात मौत हो गई। मौत का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। चिड़ियाघर प्रशासन ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह शंकर ने खाने में दिए गए पत्तों को कम खाया। उसे दस्त भी आ रहे थे। लेकिन, वह सामान्य रूप से फल और सब्जियां खा रहा था। इसके बाद चिड़ियाघर की पशु चिकित्सा टीम ने उसका उपचार किया और कर्मचारियों की निगरानी में रखा। उपचार के दौरान उसकी हालत स्थिर थी, लेकिन शाम को अचानक अपने शेड में वह गिर गया। गिरने की जानकारी होते ही चिकित्सकों ने आनन-फानन में आपातकालीन उपचार किया। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका और उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि मौत से एक दिन पहले मंगलवार (16 सितंबर) तक वह एकदम स्वस्थ था। उसकी बीमारी या किसी प्रकार से अस्वस्थ होने की किसी के पास कोई जानकारी नहीं थी। शंकर की मौत किस वजह से हुई यह अभी तक स्पष्ट नहीं है। मौत की जानकारी के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जांच के लिए आईवीआरआई बरेली के विशेषज्ञों, स्वास्थ्य सलाहकार समिति और मंत्रालय के प्रतिनिधियों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम किया जा रहा है। पोस्टमार्टम और आवश्यक नमूने लेने के बाद शव अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि शंकर को साल 1996 में जिम्बाब्वे ने भारत को उपहार के तौर पर दिया था। इसके बाद साल 1998 यानी पिछले 27 साल शंकर को दिल्ली के चिड़ियाघर में रखा गया था।
दिल्ली चिड़ियाघर के एकमात्र अफ्रीकी हाथी 'शंकर' की मौत, जांच के आदेश
