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बलरामपुर जिले में जमीन हड़पने का मामला : ग्रामीणों की पुश्तैनी संपत्ति पर फर्जीवाड़े से कब्ज़ा, जांच तेज


बलरामपुर। बलरामपुर जिले के कोदौरा गांव में ग्रामीणों की पुश्तैनी जमीन को फर्जी तरीके से हड़पने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। ग्रामीणों के अनुसार, एक स्थानीय व्यक्ति ने राजस्व व‍िभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से दर्जनों परिवारों की जमीन अपने नाम करवाकर उनका मालिकाना हक ही खत्म कर दिया। मामले के उजागर होने के बाद से पूरे क्षेत्र में आक्रोश है।

ग्रामीण संतोष सिंह एवं अन्य का आरोप है कि गांव के ही एक शख्स ने राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर करीब 60–70 एकड़ जमीन को गलत तरीके से अपने और अपने परिवार के नाम दर्ज करा लिया। इस प्रक्रिया में न केवल फर्जी रजिस्ट्री कराई गई, बल्कि राजस्व रिकॉर्ड से मूल जमीन मालिकों के नाम भी हटवा दिए गए, जिससे कई परिवारों की पुश्तैनी जमीन एक झटके में ‘कागजों’ पर छिन गई।

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि, फर्जीवाड़े का दायरा सामान्य कृषि भूमि तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कुछ वनभूमि के भी फर्जी पट्टे तैयार किए गए। उनका कहना है कि यह पूरा खेल कई वर्षों से चलता आ रहा था और इसमें कुछ राजस्व कर्मचारियों की सीधी संलिप्तता की संभावना है।

जमीन हेराफेरी की शिकायतें जब सामने आईं, तो कोदौरा सहित आसपास के गांवों के लोग एकत्र हुए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर बैठक की। ग्रामीणों ने कहा कि, इस फर्जीवाड़े ने कई परिवारों को भूमिहीन बना दिया है, जो सीधे-सीधे उनकी आजीविका पर हमला है।

तहसीलदार मौके पर, एक सप्ताह में कार्रवाई का वादा

मामले की गंभीरता को देखते हुए शन‍िवार को राजपुर की तहसीलदार कावेरी मुखर्जी गांव पहुंचीं। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि, पूरे प्रकरण की त्वरित जांच कराई जाएगी और एक सप्ताह के भीतर जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही यह भरोसा भी दिलाया कि जिन परिवारों की जमीन छिनी है, उन्हें न्याय दिलाने में कोई देरी नहीं होगी।

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