जगदलपुर। किरंदुल-कोत्तवालसा रेललाइन पर मंगलवार को मल्लीगुड़ा-जड़ती स्टेशनों के बीच हुए भूस्खलन के बाद लगभग 48 घंटों बाद पटरियों पर गिरे मलबे व बोल्डरों को हटा दिया गया है। इसके साथ ही प्रभावित ट्रैक को 4 जुलाई की शाम तक फ़िट प्रमाणित कर दिया गया है। सुरक्षा उपाय के तौर पर, प्रभावित स्थल पर सीमित गति से ट्रेन संचालन की अनुमति दी गई है । वहीं अब पटरियों को दुरूस्त करने के साथ ही ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) एवं सिग्नल सिस्टम का काम जारी है। रेलवे की तकनीकी टीम के अनुसार भूस्खलन से रेललाइन पर लगभग 30 हजार घनमीटर मलबा गिरे मलबा व बोल्डर साफ करने के बाद सिग्नल सिस्टम का काम युद्ध स्तर पर जारी हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि रविवार से बाधित रेल यातायात पूरी तरह से पटरी पर आ जाएगा।
मिली जानकारी के अनुसार भूस्खलन के कारण कोरापुट और किरंदुल के बीच रेल परिचालन प्रभावित हुआ। इस भूस्खलन में रेलवे काे माल परिवहन से लगभग 2 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है, वहीं व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने में लगभग 5 करोड़ से ज्यादा का नुकसान रेलवे को उठाना पड़ रहा है। बीते 48 घंटों से ज्यादा समय तक लगातार दिन-रात 16 हेवी ड्यूटी एस्केवेटर और 300 से ज्यादा मजदूरों ने 30 हजार घनमीटर मलबा हटाने का काम किया। इसके बाद शुक्रवार को पूरा मलबा हटाने के बाद पटरियों को बिछा दिया गया है। वहीं ओएचई यानि बिजली सप्लाई और सिग्नल सिस्टम का काम युद्ध स्तर पर जारी हैं। डिवीजनल रेलवे मैनेजर और वरिष्ठ अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में चौबीसों घंटे काम किया। त्वरित प्रतिक्रिया पर वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों की व्यक्तिगत निगरानी रही, जिनमें वाल्टेयर डिवीजन के डिवीजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) ललित बोहरा, डीआरएम रायगढ़ अमिताभ सिंघल, अतिरिक्त डीआरएम और अन्य शीर्ष स्तर के अधिकारी शामिल थे।
ईस्ट कोस्ट रेलवे के महाप्रबंधक परमेश्वर फुंकवाल ने कहा कि सिग्नलिंग और ओवरहेड इक्विपमेंट से संबंधित बहाली कार्य पूरा होने के तुरंत बाद ट्रेन सेवाएं
फिर से शुरू कर दी जाएंगी। हालांकि रेक समायोजन और कोचिंग रेक की अस्थायी अनुपलब्धता के कारण, आज कुछ ट्रेनों को रद्द या आंशिक रूप से रद्द कर
दिया गया है और कुछ ट्रेनों को रेक समायोजन के लिए कोरापुट तक चलाया जाएगा। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे अपनीयात्रा की योजना बनाने से पहले
आधिकारिक रेलवे चैनलों के माध्यम से नवीनतम अपडेट देखें।
भूस्खलन के बाद प्रभावित ट्रैक को फ़िट प्रमाणित कर दिया गया, बाधित रेल यातायात जल्द शुरू हाे जायेगा
