वोटिंग से 72 घंटे पहले भारत-नेपाल सीमा हुई सील -दूसरे चरण की सभी पांच सीटें सीमावर्ती, झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ नेपाल की सीमा से लगती हैं

वोटिंग से 72 घंटे पहले भारत-नेपाल सीमा हुई सील
-दूसरे चरण की सभी पांच सीटें सीमावर्ती, झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ नेपाल की सीमा से लगती हैं
पटना ।लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के लिए सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। नेपाल से लगी सीमा को मतदान के 72 घंटे पूर्व ही सील कर दिया गया है।इस बार बांका, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया और किशनगंज की लोकसभा सीट के लिए शुक्रवार को मतदान होना है।इसके लिए करीब 55 हजार सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इसमें केंद्रीय बलों के साथ बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस और जिला पुलिस बल भी शामिल है।दरअसल, दूसरे चरण की सभी पांच सीटें सीमावर्ती हैं, जो झारखंड, पश्चिम बंगाल के साथ नेपाल की सीमा से लगती हैं। बिहार से जुड़ने वाली इन सभी सीमाओं को सील करने का निर्देश है।नेपाल की सीमा को जहां एक दिन पूर्व ही सील किया जा चुका है, वहीं झारखंड और बंगाल से लगी सीमा को मतदान के दिन सील किया जाएगा।नेपाल की सीमा पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) स्तर से निगरानी की जा रही है। मतदान से पूर्व भारत-नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर चौकसी के लिए दोनों देशों के सुरक्षा बलों की समन्वय बैठक भी हो चुकी है।इसमें लोकसभा चुनाव के दौरान संयुक्त गश्ती करने और शराब व मादक पदार्थों के साथ मानव तस्करी पर आपसी समन्वय से कड़ी नजर रखने का निर्णय लिया गया है। सीमा पर अपराधियों को पकड़ने के बाद सूचना का आदान-प्रदान करने के लिए भी कहा गया है।जानकारी के अनुसार, लोकसभा चुनाव के लिए बिहार को केंद्रीय सुरक्षा बलों की 153 कंपनी मिली हैं। पूरे चुनाव के दौरान सभी 38 जिलों में औसत दो-दो कंपनियों की पूर्व तैनाती की गई है।इसके अलावा, चरणवार जिन जिलों में चुनाव होना है, वहां अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा जा रहा है। दूसरे चरण के लिए करीब केंद्रीय बलों की 100 से अधिक कंपनियों संबंधित जिलों में तैनात की गई हैं।इसके अलावा, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की लगभग चार दर्जन कंपनियों को लगाया गया है। मतदान वाले जिलों में आसपास के जिलों से भी जिला पुलिस बल भेजा जा रहा है।इसके अलावा, डेढ़ हजार से अधिक होमगार्ड जवानों की सेवा भी चुनाव कार्यों में ली जा रही है। सुदूर क्षेत्रों में घुड़सवार दस्ता और ड्रोन जबकि नदी क्षेत्रों में नाव से निगरानी की जा रही है।