वन विभाग के अनुसार शावकों की उम्र करीब ढाई से तीन माह के बीच है। बाघिन आमतौर पर शावकों को शुरुआती दो महीनों तक छिपाकर रखती है, इसलिए अब उनकी तस्वीरें सामने आ पाई हैं। बाघिन टी-2307 फिलहाल कुंडेरा रेंज के गैर-पर्यटन क्षेत्र में सक्रिय है, जहां वह शावकों की परवरिश कर रही है।
टी-2307 की उम्र लगभग चार वर्ष बताई जा रही है और वह रणथंभौर के प्रसिद्ध बाघ टी-121 और बाघिन टी-111 की बेटी है। यह उसका पहला लिटर है। वर्तमान में उसकी टेरिटरी बावड़ी तिराहा, बैरदा और लाहपुर सेल क्षेत्र तक फैली हुई है।
बाघिन के पहली बार मां बनने के बाद वन विभाग ने उसकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। गश्त दलों को नियमित मॉनिटरिंग और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बाघ परिवार को किसी भी तरह का खतरा न हो।
रणथंभौर में खुशखबरी:तीन शावकों के साथ दिखी बाघिन टी-2307, वन विभाग ने बढ़ाई निगरानी
सवाई माधोपुर। रणथंभौर टाइगर रिजर्व से वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। बाघिन टी-2307 अपने तीन शावकों के साथ कैमरा ट्रैप में कैद हुई है। कुछ दिन पहले गश्त के दौरान वनकर्मियों ने बाघिन को शावकों के साथ देखा था, लेकिन तस्वीर नहीं होने के कारण पुष्टि नहीं हो सकी थी। अब कैमरा ट्रैप की तस्वीरों ने साफ कर दिया है कि बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है। यह जानकारी वन मंत्री संजय शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर साझा की है।












