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फतेहाबाद में किसानों ने जलाई पराली,एसपी ने चार पुलिस कर्मियों को किया निलंबित


फतेहाबाद। पराली जलाने के मामले में फतेहाबाद जिला प्रदेशभर में दूसरे नंबर पर है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने फतेहाबाद के डीसी-एसपी को नोटिस जारी किए हैं। नोटिस जारी होने के बाद एसपी सिद्धांत जैन ने निगरानी तंत्र में लगे चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। साथ ही 23 पुलिस कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है। एसपी की इस कार्रवाई से पुलिस कर्मचारियों में भी हडकंप की स्थिति है।

फतेहाबाद में लगातार पराली जलाने के मामले सामने आ रहे हैं। सबसे ज्यादा पराली जलने के मामले में फतेहाबाद प्रदेश में दूसरे नंबर पर है। यहां अब तक 73 फायर लोकेशन मिल चुकी हैं। 34 किसानों पर एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। इससे पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से फतेहाबाद के डीसी डॉ. विवेक भारती और एसपी सिद्धांत जैन को भी नोटिस जारी किया जा चुका है। नोटिस में कहा गया है कि पराली जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। ऐसा क्यों हुआ है। फतेहाबाद के साथ-साथ जींद और हिसार के अधिकारियों को भी नोटिस मिला था। फतेहाबाद जिले में रेड जोन में हर 50 किसानों पर निगरानी लगाई गई थी। इसके लिए बाकायदा निगरानी टीम बनाई गई थी। जिनका काम निगरानी के साथ-साथ किसानों को जागरूक करना भी था। साथ ही थाना प्रभारियों को भी निगरानी के निर्देश दिए गए थे। कृषि उपनिदेशक डॉ.राजेश सिहाग ने बताया कि अब तक 34 किसानों पर एफआईआर करवाई गई है। इतने ही किसानों पर 1 लाख 80 हजार रुपए का जुर्माना किया गया है। तीन सब डिवीजन लेवल के नोडल ऑफिसर, चार ब्लॉक लेवल के नोडल ऑफिसर, 11 विलेज लेवल के नोडल ऑफिसरों समेत 18 कर्मचारियों-अधिकारियों को नोटिस जारी कर 72 घंटे में जवाब मांगा है। पुलिस प्रवक्ता विनोद कुमार ने बताया कि एसपी सिद्धांत जैन की ओर से 4 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 23 पुलिसकर्मियों को नोटिस जारी किए गए हैं। पराली जलाने के मामलों में निगरानी के लिए पुलिस की भी ड्यूटियां लगी थी।

चौकी प्रभारी पहुंचे खेतों मेंपराली जलाने की घटनाएं रोकने और किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से पुलिस चौकी बड़ोपल के प्रभारी उपनिरीक्षक रमेश के नेतृत्व में पुलिस टीम खेतों में पहुंची। चौकी प्रभारी ने किसानों को पराली न जलाने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जिससे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे पराली के प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं ताकि पर्यावरण की रक्षा की जा सके।

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