नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के ग्रैप-4 के आदेश के बावजूद इसे सही ढंग से लागू नहीं करने पर दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई है। शुक्रवार को जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने केन्द्र सरकार से कहा कि दिल्ली आने वाले सभी 113 एंट्री प्वाइंट पर पुलिस अधिकारियों को तैनात करें। साथ ही दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी के वॉलेंटियर्स को निगरानी का जिम्मा दें। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि पुलिस रिश्वत लेकर ट्रकों की एंट्री दिल्ली में करा रही है। उन्होंने मीडिया खबरों का हवाला दिया। तब कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि ट्रकों की एंट्री कैसे रोक रहे हैं। दिल्ली सरकार ने कहा कि सब मालवाहक वाहन रोके जा रहे हैं। कोर्ट ने पूछा कि दिल्ली में एंट्री करने वाले ट्रकों में वास्तव में आवश्यक सामान ले जा रहे हैं या नहीं, इसके लिए क्या व्यवस्था की गई। ग्रैप-4 में कहा गया है कि आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले ट्रकों को छोड़कर बाकी सभी ट्रकों को रोक दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि आपके हलफनामे में ट्रकों की एंट्री को रोकने के लिए क्या उपाय किए गए हैं, इसका भी जिक्र नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सभी एंट्री प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरों के फुटेज एमिकस क्यूरी को उपलब्ध कराया जाए। कोर्ट ने विभिन्न एंट्री प्वाइंट पर वकीलों को भेजकर ये पता लगाया जाएगा कि ग्रैप-4 के आदेश को लागू किया जा रहा है कि नहीं।
इससे पहले 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनसीआर के सभी शहरों में ग्रैप-4 लागू होंगे। कोर्ट ने ग्रैप-4 के प्रावधान सख्ती से लागू करने का आदेश देते हुए कहा था कि फिलहाल हमारी इजाजत के बिना ग्रैप-4 को हटाया नहीं जाएगा। भले ही एक्यूआई 450 से नीचे आ जाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 12वीं तक सभी कक्षाओं को भी बंद करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वो भी हाईवे, पुल जैसे निर्माण रोकने पर विचार करे। कोर्ट ने स्थिर सैटेलाइट से पराली जलाने की घटनाओं की निगरानी करने का आदेश दिया।