राज्यसभा में एसआईआर पर चर्चा को लेकर भारी हंगामा, सदन की कार्यवाही स्थगित
नई दिल्ली। मंगलवार को राज्यसभा में जोरदार हंगामा देखने को मिला। विपक्षी दलों ने एसआईआर के मुद्दे पर तुरंत चर्चा कराए जाने की मांग रखी। विपक्ष ने अपनी इस मांग को लेकर सदन में जमकर विरोध किया और जोरदार नारेबाजी की।
विपक्ष के इस हंगामे के बीच कुछ देर सदन की कार्यवाही चली, लेकिन सदन में हंगामा जारी रहने पर सभापति ने सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दरअसल, विपक्ष के कई सदस्यों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए नोटिस दिया था।
सदन में बोलते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कई सदस्यों ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। संसदीय परंपरा के मुताबिक नोटिस देने वाले इन सदस्यों के नाम तथा उनके मुद्दों को सदन में बताया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम एसआईआर पर एक गंभीर चर्चा चाहते हैं। लोग मर रहे हैं, स्थिति गंभीर है।
खड़गे ने कहा कि लगभग 28 लोगों की मौत हो चुकी है। यह अत्यंत जरूरी विषय है। सदन में इस विषय पर अविलंब चर्चा होनी चाहिए।
उन्होंने राज्यसभा के सभापति से आग्रह किया कि लोकतंत्र, जनता और देशहित में इस विषय पर तुरंत चर्चा की अनुमति दी जाए।
वहीं, सदन में हो रहे हंगामे पर राज्यसभा के सभापति ने कहा कि जब तक सदन सुव्यवस्थित नहीं होगा, वे सभी सदस्यों को नहीं सुन सकते। उन्होंने कहा कि खड़गे द्वारा उठाए गए मुद्दों पर उन्होंने तुरंत संसदीय कार्य मंत्री से प्रतिक्रिया मांगी थी और मंत्री ने सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए समय मांगा है।
सभापति ने नेता प्रतिपक्ष से कहा, “कल भी संसदीय कार्य मंत्री ने आपकी मांग पर सकारात्मक रुख अपनाया था, इसलिए हमें उन्हें कुछ समय देना चाहिए।”
वहीं विपक्ष की इस मांग पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वे विपक्ष के नेताओं से औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरीकों से बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि समस्या तब शुरू होती है जब समय सीमा तय की जाती है। लोकतंत्र में संवाद आवश्यक है। देश में कई मुद्दे हैं और वे सभी महत्वपूर्ण हैं। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष से सहयोग की अपील की।
सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने भी कहा कि विपक्ष ने चर्चा की मांग रखी गई है और संसदीय कार्य मंत्री ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही विपक्षी नेताओं के साथ बैठक होगी। वहीं सदन में विपक्षी सांसद एसआईआर के मुद्दे पर तत्काल चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी करते रहे और सदन में इस विषय पर शोरगुल जारी रहा। अंत में हंगामे के चलते सभापति ने सदन को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।











