संयुक्त ऑपरेशन में छुड़ाए गए 41 बच्चे, कई फैक्ट्रियां हुईं सील

 नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के आजाद मार्केट में चल रही खिलौना फैक्ट्रियों से बचपन बचाओं आंदोलन नामक संस्था ने बुधवार को एक संयुक्त कार्रवाई के दौरान 41 बाल मजदूरी को मुक्त कराया। वे सभी बच्चे 13 से 17 साल की उम्र के हैं, जो भूखे और थके हुए थे। बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) ने इस कार्रवाई को कोतवाली, दरियागंज के एसडीएम, श्रम विभाग और बाल विकास धारा के साथ मिलकर पूरा किया। पिछले दस दिन में बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराने की बीबीए की यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। बीते हफ्ते बीबीए ने दिल्ली कैंट के एसडीएम, श्रम विभाग और पुलिस की साझा कार्रवाई में नारायणा से 14 बच्चों को मुक्त कराया गया था। इसमें ज्यादातर की सेहत खराब थी और उनके हाथ-पांव पर जले के निशान थे। बीबीए से बुधावार को मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी की कार्रवाई के बाद आजाद मार्केट के राम बाग रोड पर स्थित दर्जन भर फैक्ट्रियों को सील कर दिया गया है और इनके मालिकों के खिलाफ बाड़ा हिंदू राव थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। छुड़ाए गए बच्चों की उम्र 13 से 17 साल के बीच है और वे सभी फटे पुराने कपड़ों में नंगे पांव थे। आरोप है कि इन सभी बच्चों को रोजाना सुबह नौ बजे से लेकर देर रात तक जगाया जाता था। इन्हें न ठीक से भोजन दिया जाता था और न इनके पास सोने की कोई जगह थी। छुड़ाए गए बच्चे बिहार, पश्चिम बंगाल और झारखंड के रहने वाले हैं। इन सभी बच्चों की चिकित्सा जांच की गई और फिर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जहां से उन्हें एक आश्रय गृह भेज दिया गया है। इस कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे दरियागंज के एसडीएम अरविंद राणा ने ने बताया कि इन फैक्ट्री मालिकों ने बाल एवं किशोर श्रम कानून, बाल न्याय कानून और बंधुआ मजदूरी उन्मूलन कानून के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। उक्त मामले में बीबीए के निदेशक मनीष शर्मा ने कहा, “ यह पूरे समाज के लिए चिंता की बात है कि आजादी के दशकों बाद भी हम अपने बच्चों को बाल मजदूरी के कोढ़ से मुक्त नहीं करा पाए हैं। खिलौनों से खेलने की उम्र में बच्चों को खिलौना बनाते हुए देखना हम सभी को शर्मसार करने वाली बात है।”

Leave Your Comment