मनातू (पलामू) : पलामू जिले मनातू प्रखंड मुख्यालय से लगभग 20 से 22 किलोमीटर दूर नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाला डुमरी पंचायत के ग्राम गौरवा में आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद भी गौरवा के ग्रामीण सरकारी लाभ से वंचित है। अभी फिलहाल झारखंड सरकार के द्वारा आपकी योजना, आपकी सरकार , आपके द्वार कार्यक्रम चलाया जा रहा था। यह कार्यक्रम सिर्फ हाथी का दांत साबित हो रही है। गौरवा के बुजुर्ग विधवा महिला दुखनी कुंवर पति स्वर्गीय सुखत परहिया ने बताया कि आज तक उन्हें विधवा पेंशन से वंचित रखा गया है। दुखनी कुंवर ब्लॉक का चककर कई बार लगा चुकी है। ब्लॉक का चक्कर लगाने के बाद भी दुखनी कुंवर को विधवा पेंशन का नसीब नहीं हो पाया। पति नहीं रहने के बाद भी दुखनी किसी तरह अपना जीवन को गुजर बसर झोपड़ीनुमा मकान में कर रही है। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक आने के लिए सड़क नहीं है। सड़क नहीं रहने से कहीं आने जाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। चुनाव के समय में बहुत बड़े से लेकर छोटे तक के जनप्रतिनिधि ग्रामीणों के समक्ष बड़े -बड़े वादे करते है। लेकिन प्रतिनिधि बनने के बाद ग्रामीणों की समस्या को सुनने तक नहीं आते है। बुजुर्ग विधवा महिला ने बताया कि डीलर के द्वारा समय -समय पर राशन भी नहीं दी जाती है। जबकि सरकार के द्वारा प्रत्येक माह राशन दी जाती है। केंद्र सरकार के द्वारा भी फ्री में राशन दिया जा रहा है। फिर भी ग्रामीणों को राशन समय पर नहीं मिल पा रहा है। जिससे ग्रामीण काफी आक्रोश है।
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