भोपाल,। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल
सर्विसेस परीक्षा 2023 का परिणाम घोषित कर दिया है। इसमें भोपाल की छाया
सिंह ने 65वां स्थान हासिल किया है। छाया सिंह आईएएस छोटे सिंह की बेटी
हैं। छोटे सिंह वर्तमान में राजस्व मंडल ग्वालियर में अपर आयुक्त के पर
पदस्थ है। छाया सिंह ने यूपीएससी के चौथे प्रयास में सफलता प्राप्त की ह
इसके
अलावा भोपाल के दो संगे भाई सचिन गोयल और समीर गोयल का भी यूपीएससी में
चयन हुआ है। सचिन गोयल की 209वीं और समीर गोयल की 222वीं रैंक आई है। समीर
और सचिन को बचपन से ही वर्दी का शौक था। दोनों भाई साथ में ही पढ़ाई करते
थे। आज दोनों भाइयों ने एक साथ यूपीएससी क्लियर किया। इस सफलता से उनका
परिवार भी गदगद है। वहीं, धार की माही शर्मा ने सिविल सर्विसेस परीक्षा
में 106वीं और सतना की काजल सिंह ने 485वीं रैंक हासिल की है।
बैतूल के शुभम रघुवंशी ने तीसरे प्रयास में पाई सफलता
वहीं,
बैतूल जिले के छोटे से गांव मोरखा से शुभम रघुवंशी ने यूपीएससी में सफलता
हासिल की है। शुभम रघुवंशी ग्राम मोरखा के निवासी अधिवक्ता भोजराज सिंह
रघुवंशी और शिक्षिका अनिता रघुवंशी के पुत्र हैं। शुभम रघुवंशी ने अपनी
प्रारंभिक शिक्षा मोरखा में पूरी की, फिर हाईस्कूल की शिक्षा उन्होंने
बैतूल के गवर्नमेंट एक्सीलेंस स्कूल से पूरी की। पांच साल की एलएलबी शिक्षा
उन्होंने बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल से की।
शुभम
रघुवंशी ने अपनी लॉ की पढ़ाई के साथ ही यूपीएससी की तैयारी भी शुरू की थी।
लॉ की पढ़ाई पूरी होने के बाद वे दिल्ली गए और वहां दो साल तक यूपीएससी की
कोचिंग ली। उनके तीसरे प्रयास में ही वे यूपीएससी परीक्षा में सफल हुए और
556वीं रैंक प्राप्त की। शुभम रघुवंशी की मेहनत ने पूरे परिवार, समाज और
गांव का नाम ऊंचा किया। वे वर्तमान में हाईकोर्ट जबलपुर में ऑफिसर ऑन
स्पेशल ड्यूटी पर हैं।
भोपाल के अयान जैन ने हासिल की 16वीं रैंक
भोपाल
के 24 साल के अयान जैन की यूपीएससी में 16वीं रैंक आई है। उनके पिता मुकेश
जैन भारतीय पुलिस सेवा से सेवानिवृत्त हुए है। उनके भाई अर्ष जैन भी आईएएस
है। अभी अयान उज्जैन में एसडीएम पद पर पदस्थ हैं। अयान ने बताया कि
उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में गणित का ऑप्शनल विषय लिया था। उनको तीसरे
प्रयास में सफलता मिली है। अयान ने बताया कि उन्होंने अपना फोकस पढ़ाई के
साथ रिविजन पर ज्यादा रखा। उनके पिता मुकेश जैन ने कहा कि वह अपनी खुशी
शब्दों में बया नहीं कर सकते।
इंदौर की आराधना चौहान ने हासिल की 251वीं रैंक
यूपीएससी
में इंदौर की आराधना चौहान ने ऑल इंडिया लेवल पर 251वीं रैंक हासिल की है।
सिविल सर्विसेस परीक्षा में 26 साल की आराधना का यह सेकंड इंटरव्यू था।
पहले इंटरव्यू में वह 20 नंबर से रह गईं थी। उनके पिता वरदीप सिंह चौहान
रिटायर्ड अधिकारी हैं और मां रेखा गृहणी हैं। रतलाम में जन्मी आराधना की
इंदौर के सिका स्कूल से स्कूलिंग हुई है। एनआईटी भोपाल से साल 2019 में
बीटेक किया। पढ़ाई के बाद पुणे में एक साल आराधना ने जॉब की। यूपीएससी की
एग्जाम भी दी लेकिन फिर जॉब छोड़ दी। तीन साल लगातार पढ़ाई की और एग्जाम को
क्लियर किया।
इंटरव्यू में दिए रोचक जवाब
आराधना से
इंटरव्यू में इंदौर पर भी कई सवाल पूछे गए। इंदौर स्वच्छता में नंबर 1
क्यों है? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इंदौर में सौ प्रतिशत डोर टू डोर
कचरा कलेक्शन होता है लेकिन शहर को नंबर 1 बनने में इंदौर के लोगों का सबसे
बड़ा रोल है। सामाजिक जागृति के बगैर यह संभव नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि
अन्य शहर किस तरह से इंदौर को पीछे छोड़ सकते हैं? तो उन्होंने कहा कि अन्य
शहरों को अपनी जनता को साथ लेना होगा। यदि जनता ठान ले तभी वह कुछ कर सकती
है। हालांकि इंदौर से नंबर 1 का ताज छीनना इतना आसान नहीं है।